पोक्सो कोर्ट का बड़ा फैसला, रेप के आरोपी को सुनाई फांसी की सजा
राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर (Ajmer) की पोक्सो कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए नाबालिग के साथ दुष्कर्म (Rape) और फिर जघन्य हत्या (Murder) के सनसनीखेज मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. पोक्सो कोर्ट के न्यायधीश रतनलाल मूंड ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह घटना पशुवध के समान है. ऐसे अपराधियों के साथ नरमी बरतना समाज की सुरक्षा के लिए खतरा है. मामला अजमेर जिले के पुष्कर थाने का है. यहां की पहाड़ियों में बकरियां चराने गई 11 साल की मासूम के साथ उसके ही समाज के परिचित आरोपी सुरेंद्र ने दुष्कर्म किया था.
फिर बाद में पहचान छुपाने की नीयत से पत्थरों से नाबालिग का सिर कुचलकर हत्या कर दी थी. वारदात के 12 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और महज 60 घंटे के अंदर चालान पेश कर न्यायिक कार्रवाई शुरू की थी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की और से 20 गवाह और 51 दस्तावेज पेश किए गए, जिसके बाद रिकॉर्ड 4 महीने 4 दिन के अंदर पोक्सो कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इस मामले में एक और दिलचस्प पहलू यह भी सामने आया कि जब आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने की तैयारी में थी तब कुख्यात बदमाश लॉरेंस विश्नोई गैंग के गुर्गों ने आरोपी को जान से मारने की धमकी भी दी थी. इसके बाद आरोपी को ऑनलाइन कोर्ट के सामने पेश किया गया था. इस पूरे केस को सुलझाने और आरोपी को सजा दिलवाने में अजमेर के तत्कालीन एसपी जगदीशचंद्र शर्मा ने भी अहम भूमिका निभाई थी और घटना के बाद से दो दिन पुष्कर में कैम्प किया था.
इधर, राजस्थान के नागौर में सात साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. 30 दिन में पोक्सो कोर्ट ने यह फैसला सुना दिया है. पॉक्सो विशेष कोर्ट की जज रेखा राठौड़ ने दोषी दिनेश जाट को फांसी की सजा सुनाते हुए टिप्पणी की थी कि यह क्रूरतापूर्ण अपराध है और राक्षस की प्रवृत्ति को दर्शाता है. अगर उसे जिंदा रखा गया तो उसके भविष्य में अपराध करने की आशंका रहेगी और अन्य अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा.