
बाड़मेर: सीमावर्ती जिले (Barmer) में बजरी को लेकर बवाल मचा हुआ है. हाल ही में शुरू हुए बजरी के वैध खनन के बाद बजरी का भाव 550 रुपए प्रतिटन वसूलने से राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री से लेकर विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच सब परेशान है. आमजन के आक्रोश के चलते जनप्रतिनिधियों के पास भी कोई जवाब नहीं है. इसको लेकर बाड़मेर जिला परिषद की बैठक में बजरी के भावों का मुद्दा गरमाया रहा.
वहीं मंत्री हेमाराम चौधरी (Minister Hemaram Choudhary) के खुलकर बयानों के बाद अब जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने प्रेस वार्ता कर आगामी 25 सितम्बर को बालोतरा (Balotra) में महापड़ाव का एलान कर दिया. जिसमें जिले के पंचायती राज से जुड़े सभी प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच आमजन कर साथ धरने पर बैठेंगे. सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते पिछले कई सालों से बजरी का वैध खनन बन्द था. बीच में कुछ समय के लिए निजी खातेदारों को लीज देकर बजरी का खनन शुरू हो गया था.
ठेकेदार द्वारा 550 रुपए प्रतिटन वसूली जा रही राशि:
इस बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से धारक को खनन की अनुमति दिए जाने के बाद गत 9 सितंबर से बाड़मेर के बालोतरा में लूणी नदी में तीन जगहों पर बजरी का खनन शुरू हुआ. लेकिन बजरी ठेकेदार द्वारा बजरी की राशि 550 रुपए प्रतिटन वसूली जा रही है. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में बजरी का एक डम्पर 30 से 40 हजार रुपयों में पहुंच रहा है. ऐसे में ग्रामीणों के समक्ष बजरी की महंगाई का बड़ा संकट उभर कर आ गया है. इसी को लेकर आमजन में आक्रोश है.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews