राजस्थान

पूर्णिया में बड़ी हादसा: 2 परिवार के 8 भाइयों की दर्दनाक मौत, शोक में डूबे दोनों गांव

Rani Sahu
23 May 2022 11:15 AM GMT
पूर्णिया में बड़ी हादसा: 2 परिवार के 8 भाइयों की दर्दनाक मौत, शोक में डूबे दोनों गांव
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उदयपुर के खेरवाड़ा उपखंड के महुवाल और पाछा पाडला ग्राम पंचायत में सोमवार सुबह उस वक्त लोग सन्न रह गए

उदयपुर के खेरवाड़ा उपखंड के महुवाल और पाछा पाडला ग्राम पंचायत में सोमवार सुबह उस वक्त लोग सन्न रह गए, जब बिहार से खबर आई कि वहां गांव के आठ लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई। ये सभी बोरिंग खोदने वाली मशीन के साथ मजदूरी का काम करते थे। एक महीने पहले गांव से मजदूरी के लिए गए थे और एक महीने बाद वापस घर लौटने वाले थे। दोनों गांव पूरी तरह से शोक में डूबे हुए हैं। परिजन व रिश्तेदार शव लाने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार के पूर्णिया जिले के जलालगढ़ थाना क्षेत्र में काली मंदिर के पास बोरिंग मशीन लगे ट्रेलर के पलटने से यह हादसा हुआ।

पुलिस के मुताबिक पूर्णिया में फोरलेन एनएच-57 पर बोरिंग मशीन और लोहे के भारी पाइपों से लदा ट्रेलर अचानक पलट गया। इस पर सवार 12 से अधिक मजदूर लोहे की भारी पाइपों के नीचे दब गए। दबने से आठ लोगों की मौत हो गई। सड़क किनारे कुछ लोग मलबे में भी दब गए थे, जिनको बुलडोजर मंगवाकर निकाला गया
घायलों को वहीं स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस के मुताबिक ट्रेलर अगरतला से जम्मू कश्मीर जा रहा था। चालक को नींद आने की वजह से यह हादसा हुआ। मौके पर पहुंचे सर्किल बी इंस्पेक्टर राजकिशोर शर्मा ने मरने वालों के परिजनों को सूचना दी।
मरने वालों में ये लोग शामिल हैं :
हादसे में मरने वालों में महुवाल, खेरवाड़ा निवासी ईश्वर लाल, मणिलाल, कावा राम, कांतिलाला, पाछा पाडला निवासी वसुलाल, हरीश, दुष्यंत व एक अन्य शामिल हैं।
हादसा सुबह पांच बजे और गांव में खबर आठ बजे पहुंची :
महुवाल के सरपंच नारायणलाल परमार (मीणा) ने बताया कि घटना सुबह 5 बजे की है, लेकिन हमें यह खबर सुबह आठ बजे मिली। महुवाल में रहने वाले चारों लोग एक ही परिवार के हैं और आपस में चचेरे भाई हैं। इसी तरह पाछा पाडला में रहने वाले चारों लोग रिश्ते में भाई लगते हैं। परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं होने से परिवार के लोग बाहर जाकर मजदूरी करते हैं। ये सभी बोरिंग मशीन के साथ काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि यह लोग एक महीने पहले ही गांव से गए थे और बारिश शुरू होने पर एक महीने बाद घर लौटने वाले थे। सभी शादीशुदा हैं और इनके बच्चे हैं। परिवार की महिलाओं व बच्चों को मरने की सूचना नहीं दी गई है, लेकिन लोगों के गांव में एकत्र होने से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। सरपंच ने बताया कि अभी गांव में पंचायत बैठी है। शवों को लेने जाने के लिए फैसला ले रहे हैं।
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