राजस्थान

Bharatpur: नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन योजनान्तर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

Tara Tandi
24 Oct 2024 12:51 PM GMT
Bharatpur: नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन योजनान्तर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
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Bharatpur भरतपुर। कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि, जिला परिषद भरतपुर द्वारा राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सौ से अधिक किसानों तथा सत्तर से अधिक फील्ड स्टाफ द्वारा भाग लिया गया।
अतिरिक्त निदेशक कृषि भरतपुर संभाग देशराज सिंह ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुये कहा कि देश में खाद्य तेलों की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उत्पादन से अधिक खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि भरतपुर जिले की प्रमुख फसल सरसों की वैज्ञानिक तरीके से खेती करें और उत्पादन बढ़ाएं। तिलहनी फसलों में डीएपी की बजाय सुपर फास्फेट का उपयोग करें ताकि पैदा होने वाली फसलों में तेल की मात्रा तथा गुणवत्ता में वृद्धि हो सके।
अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय भुसावर डा. उदयभान सिंह ने सरसों की फसल की वैज्ञानिक खेती की विभिन्न तकनीकों पर विस्तार से जानकारी देते हुए सरसों की फसल में लगने वाले कीट व्याधि की पहचान तथा इनके प्रबंधन की विभिन्न विधियों की जानकारी दी। उन्होंने फसल विविधीकरण के तहत परंपरागत फसलों को छोड़कर नकदी फसलें अपनाने की सलाह दी। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रहीमपुर डा. अमर सिंह ने सरसों की फसल में अच्छी पैदावार के लिए समन्वित सिंचाई प्रबंधन, समन्वित कीट प्रबंधन, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की विस्तार से जानकारी दी तथाकृषि विज्ञान केन्द्र कुम्हेर डा. नबाव सिंह प्रभारी ने गुणवत्तापूर्ण खेती करने की सलाह दी। बुद्धि प्रकाश पारीक, सेवानिवृत संयुक्त निदेशक कृषि, अजमेर द्वारा सरसों तथा अन्य तिलहनी फसलों में गंधक की उपयोगिता की चर्चा की तथा जिप्सम के उपयोग के बारे में जानकारी दी।
संयुक्त निदेशक उद्यान योगेश कुमार शर्मा ने सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए विभिन्न शस्य तकनीकों, मैकेनिकल तकनीकों तथा रासायनिक तकनीकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खरपतवार नाशक रसायनों की मात्रा तथा उपयोग किए जाने वाले समय का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए खरपतवार नाशक रसायनों का प्रयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। उप निदेशक उद्यान जनक राज मीणा ने विभिन्न उद्यानिकी योजनाओं जैसे फलोद्यानों की स्थापना बूंद बूंद सिंचाई संयंत्र, फव्वारा सिंचाई संयंत्र, मिनी फव्वारा सिंचाई संयंत्र, ग्रीन हाउस, नेट हाउस, लो टनल, मल्चिंग, सोलर पंप सेट स्थापना इत्यादि की जानकारी, महत्व, आवेदन की प्रक्रिया तथा जिले को आवंटित लक्ष्यों की जानकारी देते हुए किसानों को उद्यानिकी फसलों को भी अपनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन सहायक कृषि अधिकारी जगत सिंह कुंतल द्वारा किया गया तथा अन्त में संयुक्त निदेशक कृषि (वि.) रमेश चन्द महावर ने सभी अधिकारी, कृषकों आदि को कार्यशाला में पधारने व अपने अमूल्य सुझावों के धन्यवाद देते हुए कार्यशाला का समापन किया।
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