उदयपुर: उदयपुर द्वारिकाधीश महिला मण्डल द्वारा बुधवार को भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। सुबह 10 बजे मंदिर प्रांगण से कलश यात्रा निकाली गई। श्रृंगारित रथ में श्री द्वारकाधीश मंदिर के ठाकुरजी विराजमान थे। पुजारी सत्यनारायण पालीवाल व कमल नयन पालीवाल चंवर ढु़लाते चल रहे थे। पीछे महिलाएं केसरिया वस्त्र धारण कर कलश लिए चल रही थी। पुरुष मंगल गीत गाते चल रहे थे। कलश यात्रा मुख्य चौराहे से शुरू होकर नया बाजार, प्रताप चैराहा, सरदार पटेल स्टेडियम, उदयपुर रोड़ होते हुए कथा स्थल चतुर बाग के पावनधाम सभागार पहुंची। कथावाचक ध्यान मूर्ति 1 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5 बजे तक कथा करेगी।
मावली. कस्बे के गायत्रीनगर के ओंकारेश्वर शिव मंदिर परिसर में श्री भागवत कथा का बुधवार को समापन हुआ। कथा में श्री कृष्ण रासलीला, शबरी प्रकरण, कृष्ण-सुदामा की मित्रता के रोचक एवं मार्मिक संगीतमय प्रसंग नरेंद्राचार्य महाराज ने सुनाए। समापन के मौके पर नरेंद्राचार्य महाराज का अभिनंदन किया गया। कथा समापन के बाद पुन: पोथी यात्रा गायत्रीनगर से शुरू होकर सत्यनारायण मंदिर तक पहुंची। इस दौरान मंदिर मंडल अध्यक्ष वरदा जाट,बसन्त कुमार त्रिपाठी ,राम चन्द्र पुजारी, उंकार लाल पालीवाल, सुंदर चौधरी, मोहन दास, नारायण चौधरी, भरत विजयवर्गीय, भगवती लाल वैष्णव, ललित गुर्जर, कुलदीप वैष्णव, लालसिंह, दीपक वैष्णव, दिनेश पालीवाल आदि मौजूद रहे।
अमरनाथ के दर्शन कर लौटा जत्था
शहर से बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए गया जत्था यात्रा पूरी कर लौट आया है। यात्रा का नेतृत्व करने वाले बेदला निवासी चंद्रशेखर गहलोत ने बताया कि एक जुलाई को यात्रा पर रवाना हुए थे और 22 जुलाई को लौटे। बाबा के दर्शन तो हुए, परंतु शिवलिंग पिघलने लगा था। दल में 42 यात्री थे। गहलोत ने बताया कि अमरनाथ में शिवलिंग के पिघलने का कारण पूछो तो एक ही जवाब मिलता है कि बाबा अब कैलाश के लिए रवाना हो गए हैं। इस बार बारिश और मौसम खराब होने के कारण 5 दिन यात्रा पहलगांव के निकट रोकी गई थी। इसके चलते 5 दिन लेट हुई। इस दौरान उदयपुर के जत्थे ने लेह-लद्दाख की यात्रा की। वैष्णोदेवी के दर्शन भी किए।