भगवान सहाय ने धर्मांतरण की बतया राष्ट्रीय समस्या, सर्वसमाज को एक होकर लड़ना होगा
![भगवान सहाय ने धर्मांतरण की बतया राष्ट्रीय समस्या, सर्वसमाज को एक होकर लड़ना होगा भगवान सहाय ने धर्मांतरण की बतया राष्ट्रीय समस्या, सर्वसमाज को एक होकर लड़ना होगा](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/05/25/2932371-2aa1dd3abb90ca614ae1cdde25d461e5-1.webp)
उदयपुर। जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के बैनर तले 18 जून को उदयपुर में होने वाली डीलिस्टिंग-हुंकार महारैली की तैयारी के लिए पूरे राजस्थान में जागरूकता कार्यक्रमों का दौर जारी है। विशेष रूप से जनजाति बहुल क्षेत्रों में जनजाति सुरक्षा मंच सहित विभिन्न सहयोगी संगठनों की ओर से रैलियां, नुक्कड़ सभाएं, बैठकों का दौर नियमित चल रहा है।
इसी क्रम में उदयपुर जिले के जनजाति बहुल कोटड़ा क्षेत्र में आयोजित सभा में मुख्य वक्ता भगवान सहाय ने डीलिस्टिंग की जरूरत बताते हुए कहा कि जनजाति समाज के ऐसे लोग जिन्होंने अपनी सनातन संस्कृति, पूजा पद्धति, रीति रिवाज और पूर्वजों की विरासत को छोड़ दिया है, उन्हें जनजाति का आरक्षण नही मिले इसे लेकर उदयपुर में 18 जून 2023 को हुंकार रैली का आयोजन हो रहा है।
कानून में संसोधन की जरूरत
सहाय ने बताया कि लोकसभा में ऐसा कानून बने जिससे हमारा धर्म और समाज बचा रहे इसलिए कानून में संशोधन करने की जरूरत है। धर्मांतरित हो चुके व्यक्ति अगर फिर से मूल धर्म में वापस लौट कर आता है तो उन्हें उनका हक जरूर मिले, लेकिन कोई व्यक्ति वापस लौटकर नही आता है तो उन्हें जनजाति की सूची से डिलिस्टिंग किया जाए। पूरे देश भर में धर्मांतरित हो चुके लोगों को डिलिस्टिंग करने के अभियान को लेकर राष्ट्रपति के नाम अब तक 28 लाख जनजाति बंधुओं ने हस्ताक्षर किए हैं और ज्ञापन दे चुके है।
पांच फीसदी अपात्र छीन रहे 70 फीसदी लाभ
संगोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि 5 प्रतिशत धर्मांतरित सदस्य कैसे अपात्र होकर भी 95 प्रतिशत जनजाति समाज की 70 प्रतिशत से अधिक नौकरियां, छात्रवृत्ति और विकास अनुदान हड़प रहे हैं। संगोष्ठी में डिलिस्टिंग कानून बनने तक सामाजिक जागरूकता और संघर्ष का संकल्प जारी रखने का आह्वान किया। जनजाति सुरक्षा मंच तब तक तक संघर्ष करेगा, जब तक धर्मांतरित व्यक्ति को जनजाति की पात्रता और परिभाषा से बाहर नहीं निकाला जाता। कार्यकर्ताओं ने कहा कि उदयपुर में 18 जून को आयोजित होने जा रही हुंकार डिलिस्टिंग रैली के दौरान कोटड़ा क्षेत्र से दस हजार से अधिक महिला एवं पुरुष परंपरागत वेषभूषा, संस्कृति और लोक वाद्य यंत्रों के साथ शामिल रहेंगे।
![Ashwandewangan Ashwandewangan](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।