राजस्थान

आजादी से पहले मेवाड़ रियासत में बना था देश का पहला संविधान

Admin Delhi 1
27 Jan 2023 12:39 PM GMT
आजादी से पहले मेवाड़ रियासत में बना था देश का पहला संविधान
x

उदयपुर न्यूज: देश का संविधान बनने से 4 साल पहले उदयपुर के पूर्व महाराणा भूपाल सिंह ने मेवाड़ रियासत के लिए अपना संविधान बनाया था। जिसमें 10 अध्याय और 24 लेख थे। मेवाड़ सरकार के इस संविधान में नागरिकों के मूल अधिकार लोक सेवा आयोग, शिक्षा व्यवस्था, उच्च न्यायालय की बेंच से लेकर विधानसभा तक थे। विधानसभा में 31 सदस्य थे, जिनमें 10 सीटें भीलों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित थीं। 3 सीटें मुसलमानों के लिए और 2 सीटें मजदूरों और महिलाओं के लिए थीं। उच्च न्यायालय और प्रशासनिक स्तर पर हिन्दी और देवनागरी लिपि को मान्यता दी गई।

आज के राष्ट्रपति की तरह ही भगवान एकलिंग के पास संविधान में शक्तियाँ थीं

आज की तरह देश में राष्ट्रपति को संविधान में विशेष अधिकार प्राप्त हैं। इसी प्रकार अनुच्छेद-2 में भगवान एकलिंगजी को मेवाड़ का महाराजा व सर्वेश्वर माना गया, जबकि राजपरिवार के महाराणा को आज के प्रधानमंत्री की भाँति एकलिंगजी का प्रतिनिधि या दीवान माना गया। अनुच्छेद-3 में महाराणा की शक्तियों का वर्णन किया गया है। अनुच्छेद-5 के अन्तर्गत गरीब, अनाथ एवं पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा हेतु शिक्षा, भोजन एवं आवास की निःशुल्क व्यवस्था का प्रावधान था।

केएम मुंशी ने मेवाड़ का संविधान तैयार किया था

उस समय मेवाड़ रियासत के संवैधानिक सलाहकार के.एम. मुंशी ने मेवाड़ का संविधान तैयार किया था। मुंशी बाद में देश के डॉ. भीमराव अंबेडकर की संविधान निर्माण समिति के सदस्य भी बने। 23 मई 1947 को मेवाड़ राज्य का संविधान बना, जिसे 5 जून 1947 को महाराणा प्रताप की 407वीं जयंती पर लागू किया गया। वर्ष 1956 में राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया होने तक यह संविधान मेवाड़ में लगभग 10 वर्षों तक प्रभावी रहा।

Next Story