राजस्थान

डंडी सिकती है इसलिए हवा में शानदार उड़ती है बरेली की पतंग

Admin Delhi 1
9 Jan 2023 1:36 PM GMT
डंडी सिकती है इसलिए हवा में शानदार उड़ती है बरेली की पतंग
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जयपुर: सर्दी के मौसम में खुले आसमान में पतंगें उड़ाकर युवाओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। ये वो जज्बा है जो मिठाए नहीं मिठता, बल्कि बढ़ता जा रहा है। शहर की दुकानों पर दिनभर लोग मनपसंद पतंगें खरीदने के लिए अच्छी तादाद में उमड़ रहे हैं। दुकानदारों को इस बार अच्छी खरीदारी की उम्मीद है, क्योकि पिछले दो साल से कोरोना का दौर था। आमतौर पर ज्यादा गोल घूमने वाली पतंग उड़ाना लोगों को रास नहीं आता है। सीधी उड़ती हुई पतंग हवा में पेच आसानी से काट देती है, इसलिए बरेली की पतंगें ज्यादा रास आती हैं। पतंग के लिए रामगंज स्थित हांडीपुरा इलाका काफी मशहूर है, जहां युवा पतंग और मांझा खरीदने के दिन-रात पहुंचते हैं। पतंगबाज हल्दियों का रास्ता, किशनपोल बाजार, जयलाल मुंशी का रास्ता चांदपोल बाजार में थोक की दुकानों पर दिनभर पतंगें खरीदते हैं।

डंडी सिकती है इसलिए हवा में शानदार उड़ती है बरेली की पतंग: बरेली की पतंगें शौकीनों को इसालिए ज्यादा पसंद आती है, क्योंकि वह सीधी उड़ती है। इन पतंगों की खासियत है कि इनमें लगने वाली डंडी को बरेली में अच्छी तरह से सेका जाता है, जिसकी वजह से पतंग हवा में एक दिशा का रुख रखती है और गोल-गोल नहीं घूमती। जयपुर में पतंगसाज डंडी को बिना सेंके लगा देते हैं जिससे उड़ने में वह बरेली की पतंगों की तरह नहीं उड़ पाती है। बरेली में पतंग के एक्सपर्ट कारीगर उसे साइज, पैमाना के हिसाब से कागज व खपच्चियां लगाते हैं।

लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं: भिण्डों का रास्ता स्थित पतंग विके्रता प्रदीप शर्मा ने बताया कि इस साल पतंग, डोर, चरखी की खरीदारी 40 करोड़ की होगी, क्योंकि जयपुर में लगभग तीन हजार से ज्यादा पतंगें बेचने हैं, जो छह महीने से पहले से ही पतंगें बनाने लग जाती हैं। अकेले किशनपोल क्षेत्र में काफी दुकानें हैं, जहां पर अच्छी क्वालिटी की पतंगें बिक रही है। 20 % पतंग, डोर और चरखी के भाव तेज हुए हैं मगर लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं है।

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