राजस्थान

Baran: जिले में शुरू हुए फार्मर रजिस्ट्री शिविर, जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण

Tara Tandi
5 Feb 2025 12:33 PM GMT
Baran: जिले में शुरू हुए फार्मर रजिस्ट्री शिविर, जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण
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Baran बारां । जिले में फार्मर रजिस्ट्री शिविरों की शुरुआत मंगलवार से हो गई। इन शिविरों में किसानों को 11 अंकों का यूनिक आईडी कार्ड जारी किया जा रहा है, जिससे वे फसल बीमा, सब्सिडी और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे प्राप्त कर सकेंगे। पहले दिन जिले में प्रातः 9ः30 से सायं 5ः30 बजे तक ग्राम पंचायत रातडिया, बिलेण्डी, सकतपुरा, मूण्डक्या, थामली, जारेला एवं फल्दी में शिविर आयोजित किए गए, इन पंचायतों में लगातार आगामी 7 फरवरी तक लगातार शिविर आयोजित किए जाएंगे। जहां किसानों की फसलों का डिजिटल क्रॉप सर्वे, भू-संदर्भित नक्शों का डेटा संग्रह और फार्मर रजिस्ट्री का
कार्य किए जा रहे हैं।
जिला कलक्टर ने किया निरीक्षण
जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर, एडीएम दिवांशु शर्मा और अन्य जिला अधिकारियों ने शिविरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिला कलक्टर ने शिविर में उपस्थित किसानों से बातचीत कर डिजिटल पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी किसान को योजना का लाभ लेने में कोई कठिनाई न हो। जिला कलक्टर ने कहा कि 27 मार्च तक चलने वाले इन शिविरों में जिले के 2 लाख 18 हजार किसानों का पंजीकरण कर उन्हें यूनिक आईडी कार्ड दिए जाएंगे। उन्होंने किसानों से सभी आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, मोबाइल नंबर) लेकर पंजीकरण कराने की अपील की।
शिविर में किसानों को मिल रही ये सुविधाएं-
डिजिटल क्रॉप सर्वे - फसल की डिजिटल रिकॉर्डिंग, फॉर्मर रजिस्ट्री - किसानों की पूरी जानकारी डेटाबेस में संग्रहित, भू-संदर्भित नक्शे - खेतों की सटीक लोकेशन डिजिटल रूप में एवं 11 अंकों का डिजिटल कार्ड से योजनाओं का लाभ सीधे किसानों को मिलेगा।
किसानों में उत्साह, मिल रही अन्य सरकारी सेवाएं
इन शिविरों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खाद्य सुरक्षा योजना, पेंशन, छात्रवृत्ति, भूमि पट्टा वितरण और पशुपालन योजनाओं की सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। बड़ी संख्या में किसान और आम नागरिक इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए पहुंचे।
किसानों के लिए सुविधाजनक बनी प्रक्रिया
शिविरों में पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, बीडीओ, तहसीलदार और अन्य अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने किसानों को रजिस्ट्रेशन में सहायता की। शिविरों की मॉनिटरिंग के लिए जिला परिषद सीईओ कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित की गई है।
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