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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : राज्य में बैंकों ने कर्ज देने में उदारता दिखायी है। इसकी वजह से सीडी रेशियो (साख-जमा अनुपात) अब तक के सर्वोच्च स्तर 52.96 प्रतिशत पर पहुंच गया है। पहली बार साख-जमा अनुपात 50 फीसदी के पार गया है। पिछले वर्ष मार्च 2021 के 46.40 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2022 में 6.56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि राष्ट्रीय औसत 72 प्रतिशत से तुलना करें, तो यह करीब 19 फीसदी कम है। अब भी उद्योग खासकर एथेनॉल जैसे बड़े उद्योगों, कृषि और पशुपालन सेक्टर में नतीजे निराशाजनक ही हैं। इसमें बैंक कर्ज देने में उतनी उदारता नहीं दिखा रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई एसएलबीसी की 81वीं त्रैमासिक बैठक में उक्त बातें सामने आई हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों के समुचित विकास के लिए बैंकों को इन क्षेत्रों में विशेष उदारता दिखाने की आवश्यकता है। बैठक में बैंकों का मार्च 2022 तक का पूरा लेखाजोखा प्रस्तुत किया गया। नये किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के वितरण के लक्ष्य का महज 20.51 फीसदी उपलब्धि ही हासिल हुई है। डेयरी सेक्टर में दो हजार 750 केसीसी वितरण के लक्ष्य के विरुद्ध 4.95 प्रतिशत ही उपलब्धि हासिल हुई है। इसी सेक्टर में छह हजार 100 करोड़ रुपये ऋण वितरण का लक्ष्य था लेकिन महज 10.07 फीसदी ऋण वितरण हुआ है।
source-hindustan

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