राजस्थान
सावन के पहले दिन शिवालयों में गूंजा बमबम भोले, उमड़ा भक्तों का सैलाब
Shantanu Roy
6 July 2023 11:58 AM GMT
x
करौली। करौली हिंडौन के शिवालयों में मंगलवार से श्रावणी मास की पूजा शुरू हुई। जिसमें मंदिरों में अल सुबह से श्रद्धालु मन्त्रोच्चारण, आरती, शिव स्तुति के साथ शिव आराधना में जुटे नजर आए। बता दें कि इस वर्ष सावन 59 दिन का होगा। जिसमें 4 जुलाई से श्रावण मास प्रारम्भ होकर 30 अगस्त तक आयोजित होगी। शिवालयों में सहस्त्र घट,रुद्राभिषेक,बिल्व अर्पण सहित शिव भक्ति में अनेकों धार्मिक आयोजन चलेंगे। सावन में रुद्राभिषेक व सहस्त्र घट पूजन को लेकर शिव उपासकों द्वारा ज्योतिषाचार्यो से शुभ वार मुहूर्त को लेकर पंचांगों से जानकारी जुटाई जाने लगी है। जिसमें श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ शिवालयों में मुख्य आचार्यों के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच शिवलिंग पर सहस्त्र घट की पूजा करेंगे। श्रावण मास में 3 बड़े पर्व,3 प्रदोष 4 जुलाई से शुरू हुए श्रावण मास में 3 बड़े उत्सव है। वही 3 प्रदोष भी है। जिसमें 7 जुलाई को नाग पंचमी,17 जुलाई को हरियाली अमावस्या व 30 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व है। इसी प्रकार शिव आराधना से जुड़े श्रद्धालुओं को तीन प्रदोष सावन माह में मिलेंगे। जिसमें 15 जुलाई ,13 अगस्त को व 28 अगस्त को प्रदोष रहेगी। पाताली हनुमान मंदिर के महंत शैलेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि 7 जुलाई को नाग पंचमी मनाई जाएगी।
जिसमें कालसर्प दोष से ग्रसित कोई भी व्यक्ति मंदिर में कालसर्प दोष निवारण पूजा में भाग ले सकता है। श्रावण मास में शहर के नक्कस की देवी के समीप स्थित श्रीगोमती धाम के शिवालय में श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग की झांकिया सजाई जाएगी। मन्दिर से जुड़े संजय उदयवाल ने बताया कि देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की झांकी सजाई जाएगी। सावन में महाकाल,ओंकारेश्वर, नागार्जुन,सोमनाथ,बैधनाथ,मल्लिकार्जुनम, काशी विश्वनाथ,केदारनाथ,रामेश्वरम,भीमाशंकर,त्रयम्बकेश्वर,अमरनाथ, खाटूश्याम,सालासर बालाजी की झांकी सजेगी। इसी के साथ पीलिया की कोठी स्थित शिवालय,छत्तुघाट के नर्वदेश्वर महादेव, कृषि उपज मंडी के शिवालय, टीकाकुंड मन्दिर, भूमिया बाबा मंदिर, धाकड़ रामद्वारा,उमाशंकर सत्संग भवन,भूतेश्वर महादेव मन्दिर में सहस्त्रघट,रुद्राभिषेक पूजन किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य शत्रुध्न पंडा ने बताया कि चंद्रमास में 354 दिन होते है। सौरमास में 365 दिन होते है। दोनों मास में 11 दिन का अंतर होता है। इस तरह 3 साल में एक बार अधिक मास में महीनों की अवधि बढ़ जाती है। उन्होंने इस प्रक्रिया को धार्मिक कथा से जोड़कर बताया कि हिरणकश्यप के वध के लिए भगवान विष्णु ने अधिक मास की रचना की थी।
Tagsदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the daycrime newspublic relation newscountrywide big newslatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newsrelationship with publicbig newscountry-world newsstate wise newshindi newstoday's newsnew newsdaily newsbreaking news
Shantanu Roy
Next Story