चालान पेश होने पर भी कुछ मामलों में समझौते पर नहीं दी जा सकती जमानत: कोर्ट
जयपुर न्यूज़: हाईकोर्ट ने प्रदेश के हजारों लोगों से 11 हजार कराेड़ रुपए की ठगी के मामले में सुनवाई की। इस दौरान काेर्ट ने कहा कि निचली कोर्ट में चालान पेश हो चुका है, लेकिन हाईकोर्ट में केवल कुछ केसों के पीड़ितों से राजीनामा के शपथ पत्र पेश करने से ही आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती। वहीं अदालत ने मामले की सुनवाई आगामी शुक्रवार तक टाल दी है।
अवकाशकालीन जस्टिस आशुतोष कुमार ने यह निर्देश शुक्रवार को नेक्सा एवरग्रीन कंपनी के निदेशक रणवीर सिंह बिजारणिया, सुभाष चन्द्र बिजारणिया, बोधू राम और गोपाल सिंह की जमानत याचिकाओं पर दिया। सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से कहा कि उनका मामले में राजीनामा हो गया है और शिकायतकर्ताओं के शपथ पत्र पेश कर दिए हैं। इसके विरोध में पीड़ित पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता हितेश बागड़ी ने कहा कि यह मामला 11 हजार करोड़ रुपए की ठगी का है। वहीं शपथ पत्रों के फर्जी होने की भी पूरी संभावना है। केवल शपथ पत्र के आधार पर आरोपियों को जमानत नहीं दे सकते। वहीं सरकारी वकील की ओर से कहा कि मामले में आरोपियों पर सौ से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जाए।