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बूंदी। बूंदी कस्बे में शुक्रवार 3 बजे कुछ देर के लिए बारिश हुई, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया। जानकारी अनुसार आसमान पर काली घटाएं छा गई।उसी के साथ यहां पर कुछ देर हल्की बारिश हुई, जिसका पानी सड़कों पर बह निकाला। करीब 15 मिनट तक हुई बारिश से खरीफ की फसलों में लाभ होगा। वहीं कट कर पड़ी फसलों में नुकसान होने की संभावना है। भण्डेड़ा. क्षेत्र में शुक्रवार को भी दोपहर बाद दो बजे हवा के साथ बरसात शुरू हो गई,जो चालीस मिनट तक चली। इस दरमियान बरसाती पानी से सडकें दरिया बनती नजर आई। वहीं खेतों में कृषि कार्य करने वाले किसानों को भी रुकना पडा है। खेतों में कटी फसलों को बार-बार भीगने से बचाने के लिए किसान खेत से कटी फसलों को एकत्रित कर रहे थे। फसलों को बरसात से नही बचा पा रहे है।
खटकड़.कस्बे सहित क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर बाद लगभग 10 मिनट तेज बरसात हुई, जिससे धान उत्पादक किसानों राहत मिली है। साथ ही मौसम में ठंडक आने से मौसम खुशनुमा हुआ है, लेकिन खेतों में कटी पड़ी फसलें भीग जाने से कुछ किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। अब उन्हें फसल सुखाने में परेशान होना पड़ेगा। नोताडा.कस्बे में शुक्रवार को दो बजे के आसपास करीब आधे घंटे तक तेज बरसात हुई, जिससे सड़कों पर पानी बह निकला व उमस गर्मी से राहत मिली। वहीं लम्बे समय बाद अच्छी बरसात से धान करने वाले किसानों के चेहरों पर खुशी छा गई।
किसानों ने मुआवजे की उठाई मांग देई. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को आधा घंटे तक तेज बरसात हुई। लगातार जारी बरसात से फसलें खराब होने से किसानों ने मुआवजे की मांग उठाई है। दोपहर डेढ़ बजे बरसात हुई बरसात के साथ तेज हवाएं चली। बरसात से सड़कों पर पानी बह निकला। कस्बे मे नाले जाम होने से मुख्य बाजार,गलियो मे पानी भर गया। वही लगातार जारी बरसात से खेतो मे कटकर पडी उडद की फसल खराब हो गई। पहले बरसात नही होने से व रही सही कसर इस बरसात ने पूरी कर किसानो की फसलो को शत प्रतिशत खराब कर दिया। इसलिए किसानों ने सरकार से खराब फसलों का मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है।जिले में हाल ही में हुई बरसात के मध्यनजर जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को फसल खराबे की गिरदावरी निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए है कि राजस्व कर्मियों के माध्यम से खराबे वाले क्षेत्रों में भिजवाया जाकर तुरन्त गिरदावरी का कार्य शुरू करवाया जावे। उन्होंने कहा कि खराबे से प्रभावित किसान फसल खराबे की सूचना हेल्पलाइन नम्बर पर दर्ज कराएं। उन्होंने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए कि आगामी रबी की फसल के लिए उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता रखी जावे।
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