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राजस्थान में लम्पी का बुरा राज: 4 हजार गाय काल के गाल में समाई, सरकार पर बरसे राठौड़

Shantanu Roy
2 Aug 2022 12:15 PM GMT
राजस्थान में लम्पी का बुरा राज: 4 हजार गाय काल के गाल में समाई, सरकार पर बरसे राठौड़
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र के 11 जिले जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अजमेर, कोटा, पाली, सिरोही, जालोर और जोधपुर में गायों में फैली लम्पी स्किन नामक संक्रामक बीमारी की भयावहता और प्रशासन की घोर लापरवाही का आलम यह है कि प्रदेश में अब तक 51 हजार से ज्यादा गोवंश इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और 4 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है।

पशुधन के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर-
राठौड़ ने कहा कि 20वीं पशुगणना के अनुसार राजस्थान में 5.68 करोड़ पशुधन है। पशुधन के मामले में राजस्थान देश में यूपी के बाद दूसरे नम्बर पर है और राज्य में 1.39 करोड़ गौवंश है। लम्पी स्किन बीमारी राजस्थान और गुजरात में भारी तबाही मचा रही है। जिस कारण से हजारों गायें और दूध देने वाले पशु बीमार होकर दम तोड़ रहे हैं।
गहलोत सरकार बीमारी पर लगाम लगाने में नाकाम- राठौड़
राठौड़ ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि गहलोत सरकार, पशुपालन विभाग और प्रशासन इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है। राज्य सरकार ने अब तक लम्पी स्किन डिजीज के लिए कोई एडवाइजरी या रेड अलर्ट,मोबाइल टीम या फिर क्रैश प्रोग्राम तक जारी तक नहीं किया। अभी भी सैकड़ों गोवंश लम्पी स्किन डिजीज के कारण मरने की कगार पर है लेकिन गौमाता के नाम पर सिर्फ ओछी राजनीति करने वाली गहलोत सरकार चिरनिद्रा में सोई हुई है।
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में गो संरक्षण के नाम पर राज्य सरकार स्टाम्प और शराब दोनों पर सेस वसूल रही है। राज्य सरकार द्वारा अब तक एकत्रित किए गए 3121 करोड़ रुपये के फंड में से महज 2137 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इनमें नंदीशाला जनसहभागिता योजनान्तर्गत 4.95 करोड़ की राशि भी आवंटित की गई है।
राठौड़ ने कहा कि प्रत्येक पंचायत समिति में 1.5 करोड़ की लागत से नंदीशाला खोलने की साल 2020 में की गई बजटीय घोषणा भी कागजी साबित हुई है। अब तक प्रदेशभर में एक भी नंदीशाला नहीं खुली। लम्पी स्किन डिजीज से प्रदेश में रोजाना सैकड़ों गायें इलाज के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर है लेकिन सरकार गो-सेस के फंड का उपयोग नहीं कर रही है। सरकार को तत्काल प्रभाव से गो-सेस का सारा फंड का लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए डेडिकेट करना चाहिये।
पशुपालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट-
राठौड़ ने कहा कि प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण गायों के शवों का ठीक ढंग से निस्तारण नहीं हो रहा है। मृत गायें खुले मैदान में फेंक दी गई हैं जिससे आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी के फैलने की आंशका बनी हुई है। वहीं दुधारु पशुओं में फैली इस बीमारी के कारण पशुपालकों के सामने भी आजीविका का संकट पैदा हो गया है।
राज्य और जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन करें-
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से लम्पी स्किन नामक संक्रामक बीमारी की प्रभावी रोकथाम हेतु राज्य स्तर और जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन करना चाहिये तथा संक्रमित गौवंश के इलाज हेतु कहीं से भी गोटा पॉक्स वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिये जो वर्तमान में प्रदेशभर में जिला स्तर पर भी उपलब्ध नहीं है। साथ ही सरकार को विशेष अभियान चलाकर इस बीमारी के बचाव के उपाय के बारे में गांव-गांव जाकर मोबाइल टीम के माध्यम से लोगों को जागरूक करना चाहिए।
Shantanu Roy

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