राजस्थान
वर्तमान में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की कोयला आधारित 4,970 मेगावाट क्षमता की इकाइयां संचालित
Ritisha Jaiswal
27 May 2022 10:22 AM GMT
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कोयले की कमी से उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है. वर्तमान में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की कोयला आधारित 4,970 मेगावाट क्षमता की इकाइयां संचालित हैं
कोयले की कमी से उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है. वर्तमान में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की कोयला आधारित 4,970 मेगावाट क्षमता की इकाइयां संचालित हैं. प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशन की विद्युत उत्पादन क्षमता 10,110 मेगावाट है. इनमें से 2610 मेगावॉट की 6 यूनिट तकनीकी कारणों और मेटीनेंस के चलते भी बंद है
विद्युत विभाग के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में इस वर्ष अप्रैल और मई माह में अत्यधिक गर्मी के चलते विद्युत मांग गत 38 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गई है. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम द्वारा वर्ष 2020-21 में 29141 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया एवं वर्ष 2021-22 में 34287.28 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया.
तकनीकी दिक्कतों के कारण भी यूनिट्स बंद पड़ी
राजस्थान में कोयले की सप्लाई का संकट होने के कारण भी बिजली प्रोडक्शन पर नेगेटिव असर पड़ रहा है. प्रदेश में कोल बेस्ड पावर प्लांट्स यूनिट्स की कुल कैपेसिटी 7580 मेगावाट है. इनसे बिजली प्रोडक्शन के लिए रोजाना 27 रैक कोयले की सप्लाई जरूरी है. पूरा कोयला नहीं मिल पाने के कारण फुल कैपेसिटी पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है. वर्तमान में 20 रैक प्रतिदिन पहुंच रही है, मानसून सीजन के लिए भी कोयला रिजर्व करना आवश्यक है. तकनीकी दिक्कतों के कारण भी यूनिट्स बंद पड़ी हैं. मौजूदा समय में निगम की कोयला बेस्ड 5360 मेगावाट कैपेसिटी की कुल 17 यूनिट्स ही चल रही हैं.
राजस्थान समेत अलग-अलग राज्यों पर बड़ा वित्तीय भार आने वाला
कोयला संकट के दौर में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए 10 फीसदी विदेशी कोयला खरीदना अनिवार्य किया है. पहले 4 फीसदी ही विदेशों से इम्पोर्टेड कोयला खरीदना जरूरी था. नए बदलाव से राजस्थान समेत अलग-अलग राज्यों पर बड़ा वित्तीय भार आने वाला है. इसका खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार से कहा है कि इम्पोर्टेड कोयले के कारण आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार को देखते हुए केंद्र सरकार इस अनिवार्यता को हटाए. सूत्रों के मुताबिक, अगर राज्य सरकार महंगा विदेशी कोयला इम्पोर्ट करेगी तो 1 रुपये यूनिट तक बिजली महंगी हो सकती है. फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी कर इसकी वसूली उपभोक्ताओं से की जा सकती है. फ्यूल सरचार्ज में थर्मल पावर प्लांट्स का फ्यूल यानी कोयले की खरीद रेट और उसे प्रदेश तक लाने के लिए लगने वाले सभी तरह के खर्चे, किराया, माल-भाड़ा शामिल होते हैं.
कब से कब तक कुतनी हुई वसूली
जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम्स ने नवंबर 2021 में प्रति यूनिट 33 पैसे फ्यूल सरचार्ज लगाया. अक्टूबर से दिसंबर 2018 तक तीनों डिस्कॉम्स ने 37 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज की वसूली की. जनवरी से मार्च 2019 तक जयपुर डिस्कॉम ने 37 पैसे, अजमेर डिस्कॉम ने 23 पैसे, जोधपुर डिस्कॉम ने 24 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज ग्राहकों के बिलों में लगाया. अप्रैल से जून 2019 तक जयपुर डिस्कॉम ने 55 पैसे प्रति यूनिट, अजमेर डिस्कॉम ने 35 पैसे प्रति यूनिट और जोधपुर डिस्कॉम ने 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया. जुलाई से सितंबर 2019 तक तीनों कंपनियों ने 27 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूली की. अक्टूबर से दिसंबर 2019 तक 39 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया गया. जनवरी से मार्च 2020 तक 30 पैसे प्रति यूनिट, अप्रैल से जून 2020 तक 28 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया. जुलाई से सितंबर की वसूली योग्य नहीं पाया. अक्टूबर से दिसंबर 2020 में 7 पैसे प्रति यूनिट, जनवरी से मार्च 2021 में 16 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया गया.
कब तक राजस्थान को मिलेगा अपने हिस्से का कोयला
प्रदेश को छत्तीसगढ़ में अलॉट कोल माइंस से पूरी कैपेसिटी से माइनिंग फिर से शुरू करने में अभी भी महीने भर का वक्त लग सकता है. जून के पहले हफ्ते तक ही राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा कोयला मिल सकेगा. राजस्थान को जरूरत से 8-9 रैक कोयला मौजूदा वक्त में कम मिल पा रहा है. अभी राजस्थान में 20 रैक कोयले की ही रोजाना सप्लाई आ पा रही है. एक रैक में 4000 टन कोयला होता है.
बीते वर्ष 19.90 करोड़ यूनिट बिजली की रोजाना डिमांड थी. 2022 में 20 और 21 अप्रैल मई के आंकड़े बताते हैं कि बिजली की डिमांड 28 करोड़ 22 लाख यूनिट से ऊपर पहुंच चुकी है. हालांकि राजस्थान में 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में बिजली प्रोडक्शन में 5146 मिलियन यूनिट की बढ़ोतरी हुई है.
घटा बिजली का उत्पादन
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने साल 2020-21 में 29 हजार 141 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन किया था. 2021-22 में बढ़ोतरी के साथ 34 हजार 287 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन पहुंच गया. 2021 में जनवरी से अप्रैल तक 10 हजार 719 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई. उस वक्त कोयला संकट नहीं था. जबकि 1 जनवरी से 23 अप्रैल, 2022 तक कोयला संकट के बीच 8 हजार 890 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई है. यानी कोयला संकट के कारण 1829 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन घटा है.
वर्तमान में यह है कटौती का सिड्यूल
ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने जारी किया कटौती का शिड्यूल
जयपुर, जोधपुर अजमेर संभागीय हैडक्वार्टर पर सुबह 7 से आठ
कोटा, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर संभाग हैडक्वार्टर पर सुबह 8 से 9 बजे
डिस्ट्रिक्ट हैडक्वार्टर पर सुबह 6.30 से 8.30 बजे तक पावर कट
नगर पालिका व पांच हजार से अधिक आबादी के गांवों में सुबह 6 से 9 बजे तक कटौती
कृषि कनेक्शनों में 6 घंटे की बजाय पांच घंटे विद्युत आपूर्ति
पेयजल और अन्य जरुरतों के आधार पर समय में हो सकता है परिवर्तन
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