राजस्थान

आरोपी प्रोफेसर की सहयोगी छात्रा गिरफ्तार

Teja
28 Dec 2022 5:25 PM GMT
आरोपी प्रोफेसर की सहयोगी छात्रा गिरफ्तार
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आरोपी प्रोफेसर की सहयोगी छात्रा गिरफ्तारकोटा आरटीयू के डर्टी प्रोफेसर द्वारा अस्मत मांगने वाले मामले में दादाबाड़ी पुलिस ने एक और गिरफ्तारी कर ली है। इस घिनौने काम में प्रोफेसर का साथ देने वाली आरोपी छात्रा ईशा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ईशा आरटीयू में फोर्थ ईयर बीटेक की छात्रा है। इससे पहले आरोपी डर्टी प्रोफेसर गिरीश परमार और बिचौलिए छात्र अर्पित अग्रवाल को घटना के मीडिया में आने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट में पेश करने पर तीनों आरोपियों को 10 जनवरी तक जेल भेज दिया गया है।

मामले में पुलिस जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे मामले में नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। डर्टी प्रोफेसर के खिलाफ अब तक चार एफआईआर दर्ज हो चुकी है और दिन-ब-दिन डर्टी प्रोफेसर पर कानूनी शिकंजा मजबूत होता जा रहा है।

आरटीयू का था गंदा माहौल…

डर्टी प्रोफेसर ने आरटीयू परिसर में ऐसा माहौल बना रखा था कि छात्र-छात्राओं को तो छोड़िए लेडीज फैकल्टी भी सुरक्षित नहीं थी। उनसे भी कई बार प्रोफेसर और अन्य कर्मियों ने कई बार छेड़खानी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं और तो और छात्र-छात्राओं के साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार किया जाता था। ये सब कुछ एक दिन में नहीं हुआ है। इसके लिए आरटीयू का प्रशासन भी उतना ही जिम्मेदार है, जितना की डर्टी प्रोफेसर और उसकी गैंग।

पूर्व में कई बार जब डर्टी प्रोफेसर की शिकायतें आईं, तब उन पर कार्रवाई करने के बजाए आरटीयू प्रशासन ने उनको दबाकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, जिससे डर्टी प्रोफेसर को और उसके मनसूबों को और अधिक शह मिल गई और उसकी काली करतूतें दिन-ब-दिन बढ़ती ही चली गईं। आरटीयू में आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार की ऐसी बादशाहत थी कि जिन स्टूडेंट्स पर मेहरबान होता था, उन्हें परीक्षा में बिना कुछ लिखे भी पास कर देता था। और ये खेल काफी लंबे समय से चल रहा था। फिलहाल, आरटीयू के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के निलंबित डर्टी प्रोफेसर और आरोपी छात्र पुलिस रिमांड पर है।

अमर सिंह राठौड़ ने बताया…

पुलिस उपाअधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने बताया, आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार के घर की तलाशी ली गई है, जिसमें वहां से फाइनल ईयर की सातवें सेमेस्टर की मिड टर्म एग्जाम की 32 कॉपियां मिली हैं। इनमे कई कॉपियां खाली थीं, इनमें कुछ भी नहीं लिखा हुआ था। लेकिन फिर भी प्रोफेसर द्वारा नंबर दिए हुए थे। इस मामले में पहले भी यह तथ्य सामने आ चुका है कि डर्टी प्रोफेसर अपने चहेते स्टूडेंट्स से पेपर सेट करवाता था और कॉपियां भी चेक करवाया करता था। कुछ छात्राओं को पहले फेल कर दोबारा उन्हें पास करने की एवज में उनसे अस्मत मांग रहा था।

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