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बीकानेर। बीकानेर बुधवार सुबह जब स्कूल समय में राजकीय नेत्रहीन छात्रवासित विद्यालयों में शिक्षा विभाग की ओर से शिविर लगाया गया, तो अंग उपकरण लेने वाले विद्यार्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जैसे-जैसे दिव्यांग विद्यार्थियों के नाम बोलते गए। वैसे-वैसे विद्यार्थी अंग उपकरण लेते रहे और मौके पर ही उपयोग करने लगे। ऐसे में विद्यार्थियों के मुस्कराते चेहरे उनकी खुशी बयां कर रहे थे।राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर एवं एलिम्को मोहाली के संयुक्त तत्वावधान में जिले के राजकीय विद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अंग उपकरण वितरण शिविर लगाया गया। अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक गजानन्द सेवग ने शिविर का उद्घाटन किया। कृष्ण मोहन शर्मा ने समावेशी गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला। शिविर में विशेष बच्चों को ट्राईसाईकिल, व्हीलचेयर, सीपी चेयर, कैलीपर, कृत्रिम अंग दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को मोबाइल इत्यादि 86 उपकरण प्रदान किए गए। कार्यक्रम अधिकारी शिवशंकर चौधरी, आनन्द पारीक, नवाब अली और धीरज पारीक , प्रधानाचार्य अल्ताफ अहमद खान आदि इस मौके पर मौजूद रहे।
तेरापंथ भवन गंगाशहर में पर्युषण महापर्व के दूसरे दिन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गंगाशहर के तत्वावधान में धर्म सभा हुई। मुनि श्रेयांश कुमार ने स्वाध्याय को ज्ञानावरणीय कर्म को क्षीर्ण करने का महत्वपूर्ण साधन बताते हुए गीतिका का संगान किया। मुनि विमल बिहारी ने स्वाध्याय की त्रिकालिक तप के रूप में व्याख्या की। सेवाकेंद्र व्यवस्थापिका साध्वी शशिरेखा ने कहा कि पर्यूषण पर्व का समय आत्म चिंतन व आत्म मंथन करने का है। साध्वी ललितकला ने कहा कि स्वाध्याय से ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय कर्म क्षय होते हैं। साध्वी मृदुला कुमारी ने स्वाध्याय व चरित्र पर चर्चा की। साध्वी योगप्रभा ने कहा कि जैन आगमों में स्वाध्याय के पांच प्रकार बताए हैं, वाचना, पृच्छना, परिवर्तना, अनुप्रेक्षा व धर्मकथा।
मूर्ति पूजक जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्रगच्छ का आठ दिवसीय पर्युषण पर्व साध्वी पद्मप्रभा व सुव्रताश्री के सानिध्य में आसानियों के चौक के रामपुरिया उपासरे में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर जप,तप, सुदेव, सुगुरु व सुधर्म साधना, आराधना और भक्ति के कार्यक्रम हुए। साध्वी सुव्रताश्री ने कहा कि पर्युषण पर्व के दौरान तीन दिन अष्टानिका प्रवचन, उसके बाद जैन धर्म के वेद के रूप में प्रतिष्ठित आगम कल्पसूत्र का वांचन-विवेचन किया जाएगा। उसमें श्रावक-श्राविका, साधु-साध्वी के कर्तव्य, प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ, पार्श्वनाथ व भगवान महावीर आदि तीर्थंकरों विभिन्न भवों, विभिन्न कल्याणकों का वर्णन किया जाएगा। श्री जैन श्वेताम्बर पार्श्वचंद्र गच्छ संघ के मंत्री प्रताप रामपुरिया ने बताया कि उपासरा परिसर के भगवान महावीर के मंदिर में पर्व के दौरान विशेष पूजा-अंगी की जाएगी ।
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