जयपुर- राजस्थान बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह के एक बयान ने उन सभी पार्टी नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया है जो आगामी विधानसभा चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे। दरअसल 'पत्रिका' से खास बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने साफ कहा कि नए पदाधिकारी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि उनका काम चुनाव लड़ना होगा।
कई नेता टिकट की दौड़ से बाहर
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के इस बयान कि 'नए पदाधिकारी चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि चुनाव लड़वाने का काम करेंगे' से बीजेपी गलियारे में खलबली मच गई है। वजह यह है कि प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की नई टीम में कई ऐसे नेता हैं जो इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट पाने की दौड़ में थे। टिकट की चाह में इन नेताओं ने जयपुर से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग तेज कर दी थी। लेकिन 'पत्रिका' से बातचीत में प्रदेश प्रभारी के इस बयान ने टिकट पाने की कोशिश कर रहे नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि प्रदेश प्रभारी का यह 'फॉर्मूला' टिकट वितरण के दौरान काम आएगा या नहीं। रहेंगे, क्योंकि प्रदेश भाजपा में कई ऐसे नए पदाधिकारी हैं जिनकी अपने क्षेत्र से मजबूत और जिताऊ दावेदारी है।
सवाल- प्रदेश की नई टीम में एक भी विधायक शामिल नहीं, क्या नए पदाधिकारी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे?
जवाब- राजस्थान बीजेपी के ज्यादातर नवनियुक्त पदाधिकारियों को चुनाव नहीं लड़वाया जाएगा। ये नेता चुनाव में प्रत्याशियों को जिताने के लिए जी जान से काम करेंगे. हमारे मौजूदा विधायकों के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। एक-दो महीने में सभी को चुनाव में जाना है। इसलिए नये पदाधिकारियों में विधायकों को शामिल नहीं किया गया है। बीजेपी द्वारा घोषित प्रदेश पदाधिकारियों की टीम में कद्दावर नेताओं की भरमार है। नई टीम के ज्यादातर नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे।
कांग्रेस की अब तक की सबसे बुरी हार होगी
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि इस साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार इतिहास की सबसे बुरी हार होगी। कांग्रेस में दिन-ब-दिन झगड़े बढ़ते जा रहे हैं। मैं इतना कह सकता हूं कि इस चुनाव में कांग्रेस की अब तक की सबसे बुरी और बड़ी हार होगी।
सवाल: उपचुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। आप इसका कारण क्या मानते हैं?
जवाब: ऐसा नहीं है, स्थानीय निकाय समेत कई चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली है। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को बीजेपी से थोड़ी ज्यादा जीत मिली है। कांग्रेस ने टुकड़ों में चुनाव कराकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव जीता है।