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राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के अभिनव नवाचार अपराजिता सखी केन्द्र ने अपने सफल संचालन के लिए 10 साल पूरे कर लिए हैं। इतना ही नहीं इस नवाचार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में नए प्रतिमान स्थापित किये हैं। राजस्थान सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नवाचार के रूप में देश का प्रथम वन स्टॉप सेन्टर अपराजिता के नाम से जयपुर में प्रारम्भ किया था।
राज्य मिशन समन्वयक डॉ. जगदीश प्रसाद ने बताया कि अपराजिता केन्द्र सभी राज्यों के लिए मिसाल साबित हुआ है। इसी मॉडल को भारत के सभी राज्यों में लागू किया है। यहां देश के विभिन्न राज्यों की पीड़ित महिलाओं के प्रकरण दर्ज किये गये हैं तथा उनका उचित समाधान भी किया गया है।
वहीं, उपनिदेशक, महिला अधिकारिता डॉ. राजेश डोगीवाल ने बताया कि अपराजिता केन्द्र पर अब तक 6104 प्रकरणों में से 6072 प्रकरणों को निस्तारण किया जा चुका है। केन्द्र पर दर्ज केसों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। यहां पूर्णतया अनुभवी स्टाफ 24 घण्टे कार्यरत रहता है। पीड़ित महिलाएं अपराजिता केन्द्र पर हेल्पलाईन नम्बर 0141-2553763/2553764 पर अपनी समस्या दर्ज करा सकती है।
गौरतलब है कि निर्भया प्रकरण के बाद पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे परामर्श, चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, विधिक सहायता, अस्थायी आश्रय, भोजन आदि निःशुल्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महिला अधिकारिता विभाग द्वारा राजकीय जयपुरिया अस्पताल में प्रदेश का पहला अपराजिता- वन स्टॉप क्राइसिस मैनेजमेन्ट सेन्टर फॉर वीमेन में प्रारम्भ किया गया था।
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