राजस्थान

20 सालों से डॉक्टरों को तरस रहा अनूपगढ़, 14 की जगह केवल 6 डॉक्टर

Shantanu Roy
2 July 2023 10:50 AM GMT
20 सालों से डॉक्टरों को तरस रहा अनूपगढ़, 14 की जगह केवल 6 डॉक्टर
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श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे अनूपगढ़ में 20 सालों से डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। जिसकी वजह से यहां चिकित्सा सेवाएं चिंताजनक हैं। क्षेत्र में पिछले 2 दशकों में कई बदलाव हुए, लेकिन डॉक्टरों की व्यवस्था को लेकर कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। यह कहना गलत नहीं होगा कि चिकित्सकों की कमी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। हादसे में घायल होकर आए मरीजों को अक्सर रेफर करना पड़ता है अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसा कस्बा स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सकों के 14 पदों में से मात्र 6 पदों पर ही चिकित्सक कार्यरत हैं। राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सकों की नियुक्ति को लेकर कई बार क्षेत्र के लोग आंदोलन भी कर चुके हैं। मगर किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। चिकित्सको की कमी के चलते कई बार तो मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। राजकीय चिकित्सालय बना रेफरल चिकित्सालय अनूपगढ का राजकीय चिकित्सालय रेफरल चिकित्सालय के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस चिकित्सालय में अधिकतर मरीज चिकित्सकों के अभाव में रेफर कर दिए जाते हैं। कई मरीज तो हायर सेंटर पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। अनूपगढ़ के अस्पताल में डॉक्टरों के अभाव के चलते मरीजों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
राजकीय चिकित्सालय में प्रतिदिन 500 के लगभग की ओपीडी होती है। पद खाली होने की वजह से डॉक्टरों के रूम खाली पड़े रहते हैं मगर यहां डॉक्टरों के पद रिक्त होने के कारण मरीजों को कई बार बिना जांच के ही लौटना पड़ता है। स्थानीय अस्पताल में चिकित्सकों के 14 पद स्वीकृत हैं,लेकिन उसमें से आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। वर्तमान में 6 पदों पर चिकित्सक कार्यरत हैं। कार्यरत चिकित्सकों में से एक चिकित्सक विभागीय कार्य और इमरजेंसी में व्यस्त रहता है। आपको बता दें कि अस्पताल 1995 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में क्रमोन्न्त हुआ था,समय के साथ जनसंख्या काफी बढ़ गई,लोग बाहर के क्षेत्रों से आकर भी कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों में बस गए, लेकिन चिकित्सक सुविधाएं बढऩे के बजाय कम होती गईं। क्रमोन्नत होने के साथ ही चिकित्सालय में 14 पद सृजित किए गए थे। एक समय था जब अस्पताल में लगभग सभी पद भरे होते थे। डॉक्टरों की कमी की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ जाती है डॉक्टर आएं तो अस्पताल को मिलेगी बूस्टर डोज वर्तमान में अस्पताल में पिछले काफी समय से गाइनी,मेडिसिन,नेत्र रोग,सर्जरी व हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित सभी महत्पवूर्ण पद रिक्त पड़े है। उक्त पदों के रिक्त होने से अस्पताल में दुर्घटना,सर्जरी, गंभीर प्रसव से संबंधित मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते है। अस्पताल की दयनीय स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में कोई भी एमडी फिजीशियन भी नहीं है। अस्पताल की चिकित्सक सुविधाओं को इस समय विशेषज्ञ चिकितसकों की बूस्टर डोज की आवश्यकता है। अस्पताल में डॉक्टर बेहतरीन तरीके से काम कर रहे हैं। यहां विशेषज्ञों की नियुक्ति के प्रयास किए जा रहे हैं।
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