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बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में शहर को रेबीज मुक्त करने के उद्देश्य इण्डियन इम्यूनोलॉजिकल संस्था के सहयोग से गुरूवार को निशुल्क एंन्टी रेबीज शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 187 श्वान तथा बिल्लियों के रेबीज के टीके लगाए गये।
अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने शिविर के दौरान एक गोष्ठी का आयोजन कर रेबीज बीमारी से संबंध आमजन में फैली भ्रांति के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि टीका तीन माह में प्रथम बार श्वान के लगाना चाहिए तथा फिर प्रति वर्ष टीकाकरण किया जाना चाहिये। रेबीज गाय के दूध से नहीं फैलता है, यह एक न्यूरोजेनिक वाइरस है। गोष्ठी में उप निदेशक क्षेत्रीय पशुरोग निदान केन्द्र डॉ. लक्ष्मण राव तथा उप निदेशक पशु पालन प्रशिक्षण संस्थान डॉ. नितेश भारद्वाज ने भी पशुजन्य रोग टीबी, स्क्रब टाईफस कारण निवारण के बारे में बताया। शिविर के दौरान एक प्रदर्शनी का आयोजन कर विभिन्न पशुजन्य रोगों के फैलने, उपचार एवं रोकथाम के बारे में जानकारी दी गयी।
संयुक्त निदेशक डॉ. चम्पालाल मीणा ने बताया कि ब्रूसूलोसिस के उन्मूलन के लिए शीघ्र ही विभाग द्वारा 4 से 9 माह की बछियों में टीकाकरण प्रारम्भ किया जायेगा। ब्रूसूलोसिस एक पशुजन्य रोग है जो दूध अथवा मांस के द्वारा मनुष्य में फैलता है, जिसमें मनुष्य के जोडों मंें दर्द, वृषण में सूजन, नपुंसकता आ सकती है। इसमें बार-बार बुखार उतरता चढ़ता रहता है। शिविर में डॉ. ममता गुप्ता, डॉ. अवनी राठौड, डॉ. रूबी, डॉ. बनवारी, डॉ. अखिलेश पाण्डेय, इमरान, मनोज, पूजा, मेहनाज, दशरथ, आकाश सक्सेना अमित पाठक कमलेश तथा प्रदीप पालीवाल उपस्थित रहे।
Tara Tandi
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