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कोटा। राजस्थान के कोटा में एक बार फिर से छात्रा के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहा एक छात्र अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका मिला। पिछले 10 दिनों में आत्महत्या का यह चौथा मामला है। इस साल अब तक 15 छात्रों ने आत्महत्या की है। मृतक अनिकेत कुमार (17) उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला है। वह कोटा के एक निजी संस्थान से नीट की तैयारी कर रहा था। अनिकेत इंद्र विहार स्थित छात्रावास में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था। शुक्रवार दोपहर अनिकेत के भाई ने उसे फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। कई बार फोन करने के बाद भी जब उसने फोन नहीं उठाया तो भाई ने हॉस्टल वार्डन को कमरे में जाने को कहा. वार्डन ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सूचना मिलने पर हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों की मदद से अनिकेत अपने कमरे में फंदे से लटका मिला. इसके बाद वार्डन ने अनिकेत के भाई व पुलिस को सूचना दी।
अनिकेत के भाई अभिषेक ने बताया कि छोटा भाई 3 साल से कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था. उसे यहां 11वीं कक्षा में भर्ती कराया गया था। वह नीट की तैयारी कर रहा था। गुरुवार की रात में ही अनिकेत की घर में बात हो गई थी। फिर उसने ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे पता चले कि वह नाराज है। छात्रावास वार्डन निर्मला सोलंकी ने बताया कि अन्य बच्चों की मदद से अंदर देखा तो वह फंदे से लटका मिला। बड़ा सवाल यह भी है कि छात्र को नायलोन की रस्सी कहां से मिली। माना जा रहा है कि उसने आत्महत्या करने के लिए इसे बाजार से खरीदा था। जवाहर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
इससे पहले इसी महीने 11 दिसंबर को तीन छात्रों ने आत्महत्या की थी। इनमें से दो छात्र कोटा के तलवंडी इलाके के एक ही छात्रावास के रहने वाले थे। जबकि तीसरा छात्र कुन्हाड़ी इलाके में रहता था। आत्महत्या करने वाले दो छात्रों ने नीट किया था जबकि एक छात्र आईआईटी की तैयारी कर रहा था। इनमें से दो छात्र बिहार और एक छात्र मध्य प्रदेश का रहने वाला था। कोटा में तीन छात्रों की आत्महत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. इन आत्महत्याओं के बाद जब भास्कर टीम ने कोटा के मनोचिकित्सक के पास आ रहे मामलों और होप सोसायटी के कॉल्स की पड़ताल की तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. पढ़ें पूरी खबर... आनंद कुमार का नाम भारत में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है, चाहे वह शिक्षक हो या छात्र। गरीब बच्चों के लिए शुरू किए गए सुपर-30 कार्यक्रम से मिसाल कायम करने वाले आनंद कुमार द्वारा पढ़ाए गए 510 बच्चों में से 2018 तक 422 का आईआईटी में चयन हो चुका था.
Admin4
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