राजस्थान

आज से किया संपूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान, पढ़ें पूरा मामला

Gulabi Jagat
6 Oct 2022 8:16 AM GMT
आज से किया संपूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान, पढ़ें पूरा मामला
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Source: aapkarajasthan.com

राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि प्रदेश में रेजिडेंट डाॅक्टरों का बाॅन्ड नीति के खिलाफ विरोध जारी है। राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और इनसे जुड़े अस्पतालों में चिकित्सक संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। हालांकि इस दौरान इमरजेंसी और ट्रॉमा सेवाओं को दूर रखा गया है। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बॉन्ड नीति में कई खामियां हैं, जिसे दूर किया जाए। चिकित्सकों ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से लेकर त्रिमूर्ति सर्किल तक रैली भी निकाली और विरोध प्रदर्शन भी किया गया है।
बता दे कि वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों को लेकर एक बॉन्ड नीति जारी की थी, जिसके तहत पीजी होने के बाद चिकित्सक को कुछ वर्ष सरकारी सेवा में नौकरी देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा। लेकिन प्रदेशभर के रेजिडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं। रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं, लेकिन बॉन्ड नीति अत्यंत जल्दबाजी में जारी की गई है और इसमें सुधार की जरूरत है क्योंकि इससे रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चिकित्सकों का कहना है कि राज्य सरकार की यह बॉन्ड नीति अत्यंत जल्दबाजी, अपारदर्शिता और अपरिपक्व तरीके से लाई गई है और सरकार की ओर से बॉन्ड नीति की विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अभ्यर्थियों का बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के सीनियर रेजिडेंट पदों पर नियुक्त हो जाना, भ्रष्टाचार और धांधली को प्रदर्शित करता है। दूसरी तरफ रेजिडेंट्स पर लगाई जाने वाली बॉन्ड नीति जिसकी प्रक्रिया इस साल परीक्षा के पूर्व ही शुरू हो जानी चाहिए थी वह अब 6 महीने बाद अक्टूबर महीने में शुरू की जा रही है। इस मध्य अवधि में सभी रेजिडेंट्स को बिना पूर्व सूचना और बॉन्ड की शर्तों के विपरीत दस्तावेज प्रदान नहीं करने एवं सरकार की लेटलतीफी से सभी रेजिडेंट को लगभग 5 महीने बिना आय के आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ा रहा है। यह सरकार की प्रताड़ित करने वाली और दमनकारी नीति को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि इसके लिए राज्य सरकार रेजिडेंट्स को 5 महीने का का वेतन दें और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर उचित कार्रवाई करके उनके पद से हटाया जाए।
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