सिटी न्यूज़: डूंगरपुर में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं को मार्च से पूरा मानदेय नहीं मिल रहा है. कर्मचारियों को राज्य सरकार से मानदेय तो मिल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का मानदेय नहीं मिल रहा है. जिले में 3 हजार 572 आंगनबाडी कार्यकर्ता आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं को एक करोड़ 60 लाख 74 हजार मानदेय राशि का इंतजार है. बकाया मानदेय को लेकर बुधवार को कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। लक्ष्मी जैन के नेतृत्व में डूंगरपुर जिला आंगनबाडी कार्यकर्ता संघ के जिलाध्यक्ष, आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाडी सहायिका कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुई. इस दौरान आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया और बकाया भुगतान के विरोध में प्रदर्शन किया. जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जैन ने बताया कि महिला एवं बाल अधिकारिता द्वारा 1 हजार 646 आंगनबाडी केन्द्र एवं 471 मिनी आंगनबाडी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें 3 हजार 572 आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाडी सहायिका कार्यरत हैं. राज्य सरकार के मुखिया से 3 हजार 900 रुपये और केंद्र सरकार के मुखिया से 4 हजार 500 रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को राज्य सरकार से प्राप्त मानदेय का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा मार्च माह से अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिसकी राशि करीब एक करोड़ 60 लाख 74 हजार रुपए है।
धरना प्रदर्शन के बाद आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं ने बकाया भुगतान व अन्य मांगों को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. वहीं, दो दिन में भुगतान नहीं होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.डूंगरपुर में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं को मार्च से पूरा मानदेय नहीं मिल रहा है. कर्मचारियों को राज्य सरकार से मानदेय तो मिल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का मानदेय नहीं मिल रहा है. जिले में 3 हजार 572 आंगनबाडी कार्यकर्ता आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं को एक करोड़ 60 लाख 74 हजार मानदेय राशि का इंतजार है. बकाया मानदेय को लेकर बुधवार को कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया।
लक्ष्मी जैन के नेतृत्व में डूंगरपुर जिला आंगनबाडी कार्यकर्ता संघ के जिलाध्यक्ष, आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाडी सहायिका कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुई. इस दौरान आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया और बकाया भुगतान के विरोध में प्रदर्शन किया. जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जैन ने बताया कि महिला एवं बाल अधिकारिता द्वारा 1 हजार 646 आंगनबाडी केन्द्र एवं 471 मिनी आंगनबाडी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें 3 हजार 572 आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाडी सहायिका कार्यरत हैं. राज्य सरकार के मुखिया से 3 हजार 900 रुपये और केंद्र सरकार के मुखिया से 4 हजार 500 रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को राज्य सरकार से प्राप्त मानदेय का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा मार्च माह से अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिसकी राशि करीब एक करोड़ 60 लाख 74 हजार रुपए है।
धरना प्रदर्शन के बाद आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी सहायिकाओं ने बकाया भुगतान व अन्य मांगों को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. वहीं, दो दिन में भुगतान नहीं होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.