राजस्थान

पिछले 5 वर्षों से खेल विभाग के लाइसेंस पर गोला-बारूद का आयात नहीं हुआ

Admin4
7 Oct 2023 10:00 AM GMT
पिछले 5 वर्षों से खेल विभाग के लाइसेंस पर गोला-बारूद का आयात नहीं हुआ
x
जयपुर। पिछले पांच साल से खेल विभाग के हथियार लाइसेंस पर एम्युनेशन (गोली) इंपोर्ट नहीं किया गया हैं। नतीजा, 20 से 22 रुपए में मिलने वाली गोली 55 से 60 रुपए में खरीदी जा रही है। अगर राज्य सरकार इंपोर्ट करती है तो इस पर किसी प्रकार की कोई जीएसटी व इंपोर्ट ड्यूटी नहीं देनी होगी। राजस्थान राइफल एसोसिएशन मौजूदा स्थिति में एम्युनेशन नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) से खरीद कर रही हैं। इस पर इंपोर्ट ड्यूटी भी लगती है। इससे एम्युनेशन काफी महंगा पड़ता है।
सचिव शशांक खुरानी ने बताया कि एनआरएआई से खरीद होने वाला एम्युनेशन की वेटिंग नवंबर तक आ चुकी है। हाल ही में हुई राज्यस्तरीय शूटिंग चैंपियनशिप के लिए एम्युनेशन की उपलब्धता के लिए सीनियर खिलाड़ियों की मदद ली गई थी। एम्युनेशन इटली से आता है। इटली की फैक्ट्रियां यूक्रेन में चल रहे युद्ध में एम्युनेशन सप्लाई कर रही हैं, इसलिए शॉर्टेज है। आरआरए के लाइसेंस पर केवल 3 लाख गोलियां ही इम्पोर्ट करने की परमिशन है, जिसमें खेलो इंडिया और अन्य खिलाड़ियों के लिए भी एम्युनेशन खरीदा जाता है।
रूस व यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोप की फैक्ट्रियों ने खिलाड़ियों के लिए हथियार व गोली की सप्लाई शॉट कर दी है। इससे तय समय पर एम्युनेशन (गोलियां) नहीं मिल पा रहा है। जो मिल रहा है उसकी कीमत पहले से ज्यादा कर दी गई है। जैसे पहले शॉट गन की 1 गोली 35 से 38 रुपए में खिलाड़ी को मिल जाती थी, वो आज 65 से 70 रुपए में मिल रही है। वहीं दूसरी ओर बिग बोर के एम्युनेशन की तो उपलब्धता ही नहीं हो पा रही है। जिसके चलते भारत मे बिग बोर के खेलों पर असर पड़ रहा है।
Next Story