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अजमेर। अजमेर के प्राइवेट हॉस्पिटल से रेफर किए गए मरीज की जेएलएन अस्पताल पहुंचने से पहले मौत होने का मामला सामने आया है। मृतक के भांजे का आरोप है कि जिस एम्बूलेंस से उसे लेकर गए, उसका गेट बीस पच्चीस मिनट तक नहीं खुला। बाद में दूसरे गेट से निकाला गया। ऐसे में मौत हुई। कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ढिगारिया-बोराडा निवासी गोपाल पुत्र रामकरण गुर्जर (29) ने रिपोर्ट देकर बताया कि गत 25 जून को अपने मामा कुराड़ी निवासी प्रताप पुत्र नारण को पेट दर्द होने पर आर के हॉस्पिटल अजमेर में लेकर आया। जहां भर्ती कर लिया। डॉक्टर ने जांच के अपेन्डिक्स नस को डेमेज होना बताया। इलाज चालू कर इसी दिन तीन बजे ऑपरेशन कर दिया। उसके दो घंटे बाद हालात गम्भीर होने लगी और लगभग रात को 10 बजे जेएलएन हॉस्पिटल अजमेर के लिए रेफर कर दिया।
डॉक्टर द्वारा बुलाई गई एम्बुलेंस में जेएलएन अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने के 20-25 मिनट तक एम्बुलेंस का गेट नहीं खुला तो बड़ी मशक्कत के बाद दूसरा गेट खोलकर निकाला। तब तक मरीज की मृत्यु हो चुकी थी। फिर भी मरीज को जेएलएनच के डॉक्टर के पास लेकर गए, जहां मृत घोषित कर दिया। मरीज की RK होस्पिटल की फाईल JLN डॉक्टर को दी और वो फाईल हमें वापस नही की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एएसआई सुखपालसिंह को सौंपी है।
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