Alwar: जगन्नाथ मेले में बाइक पर स्टंट करते 8 युवकों को पकड़ा गया
अलवर: चार दिन पहले सिलीसेढ़ झील में कार-बाइक पर स्टंट करते 9 युवकों को गिरफ्तार किया गया था, अब जगन्नाथ मेले में बाइक पर स्टंट करते 8 युवकों को पकड़ा गया है. पूछताछ में पता चला कि आरोपी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए रील बना रहे थे. अरावली विहार थाना अधिकारी गुरुदत्त सैनी ने बताया कि रूपबास में जगन्नाथ जी मेला स्थल पर 19 से 26 साल की उम्र के 8 युवक बाइक पर स्टंट कर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे थे.
सूचना पर अरेटी ऋषिकांत पुत्र मोतीलाल मीना निवासी सालवाड़ी थाना खेड़ली, सचिन पुत्र खेमसिंह निवासी खुडियाना थाना कठूमर, वीरेंद्र सिंह पुत्र महावीर सिंह निवासी जगना (भरतपुर) हाल मंगलम रेजीडेंसी अलवर, सोनू पुत्र बृजमोहन जागिंड, राज भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 170 के तहत गिरफ्तार पुत्र रामकिशोर मीना, अजय पुत्र अदीबज मीना निवासी रूपबास अलवर), अंकुर पुत्र जगन लाल मीना निवासी करणपुरा थाना रैणी तथा प्रदीप पुत्र कालूराम जाटव निवासी इरनिया थाना लक्ष्मणगढ़ को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. रील बनाने में गिरफ्तार युवक भी ठोस कार्रवाई नहीं होने से कानून के लिए खुला रास्ता बना रहे हैं।
चार दिन पहले सिलीसेढ़ झील में स्टंट करते जिन युवकों को अकबरपुर थाना पुलिस ने पकड़ा था. जाते ही उसने फिर थाने का गेट पीटा। हवा में लहराती बाइक की रील बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी. जिससे जिला पुलिस की कार्रवाई की खूब धज्जियां उड़ी. बड़ा सवाल: पुलिस इतनी मेहरबान क्यों? दरअसल, पुलिस ने इन मामलों में ठोस दंडात्मक कार्रवाई करने के बजाय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 170, जो कि एक निवारक धारा है, के तहत गिरफ्तारियां कीं. सज़ा का कोई प्रावधान नहीं है.
आरोपियों को थाने से छोड़ दिया गया। पुलिस ने जहां आईपीसी की धारा 123 लगा दी होती, वहीं आरोपियों को सबक मिल जाता। वे दूसरों की जान खतरे में नहीं डालते. इस धारा में दूसरों की जान खतरे में डालने पर गिरफ्तारी के बाद 3 महीने से 3 साल तक की कैद और अदालती प्रक्रिया का प्रावधान है।