भगवान से श्रद्धापूर्वक मांगी गई सभी प्रार्थनाएं पूरी होती हैं: साध्वी आराधना
उदयपुर न्यूज़: ग्राम पंचायत पीपली डोडियान के राजस्व गांव भामाखेड़ा में चल रहे तीस दिवसीय शिव कृपा महोत्सव में सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती ने भगवान भोलेनाथ के विवाह का वर्णन सुनाया। जिसमें शिव पार्वती के विवाह से जुड़ी पौराणिक कथा में कहा कि भगवान शिव जब माता पार्वती से विवाह रचाने के भूत-प्रेत और चुड़ैलों को बारात लेकर पहुंचे, उस दौरान भगवान शिव का शृंगार भस्म से किया व हड्डियों की माला पहनाई। ऐसी अनोखी बारात लेकर शिव बारातियों के साथ पार्वती के द्वार पर पहुंचे तो सभी डर गए और हैरान रह गए। पार्वती की माता मैनावती ने तो विवाह से इंकार कर दिया था। तब पार्वती ने भगवान शिव से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह विवाह के रीति-रिवाजों के अनरूप तैयार हो जाएं तब भगवान माने व देवताओं ने भगवान भोलेनाथ को दूल्हे के रूप में तैयार किया।
सभी मौजूद देवताओं नगरवासी महादेव का दिव्य रूप देखकर चकित रह गए। जिसके बाद रानी मैनावती भी विवाह के लिए मान गई व बाराती-शराती, भूत-प्रेत, सभी देवता व ब्रह्माजी की मौजूदगी में शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। माता पार्वती के विदाई के प्रसंग के दौरान मातृशक्ति व भक्तों की आंखे झलक उठी। साध्वी ने कहा कि भक्ति भाव से भगवान से किए सभी निवेदन पुरे होते है, लेकिन छल कपट करने वाले का ईश्वरी प्रकोप से नहीं बच सकते है। इस लिए सभी को दिन में कम से कम एक बाद कुछ समय भक्ति में लगाना चाहिए व बच्चों को भक्ति करने के लिए प्रेरित कर हिंदु धर्म व संस्कृतियों को जीवित रखना चाहिए। शिव पार्वती विवाह में ग्रामीणों ने परंपरा निर्वहन कर हथलेवा सींच कर दान पुण्य किए। कथा श्रवण करने के लिए भामाखेड़ा, कारोलिया, सादड़ी, पीपली डोडियान, चौकड़ी, भूरवाड़ा आदि गांवों के लोग पहुंच रहे है। 4 जुलाई से चल रही सात शिव महापुराण कथा की समाप्ति के बाद 11 जुलाई से साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती राम कथा सुनाएंगी। जिसके बाद भागवत कथा व गौ कृपा कथा का आयोजन होगा।