राजस्थान

खतरे की घंटी! मारवाड़ के वन क्षेत्र में पहले हिरण और अब सैकड़ों प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत, जांच में जुटा वन विभाग

Shantanu Roy
7 Nov 2021 12:25 PM GMT
खतरे की घंटी! मारवाड़ के वन क्षेत्र में पहले हिरण और अब सैकड़ों प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत, जांच में जुटा वन विभाग
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जिले के कापरडा गांव के समीप बड़ी संख्या में प्रवासी परिन्दे कुरजां मृत अवस्था में मिलने के बाद प्रशासन सकते में है. एक साथ बड़ी संख्या में कुरजां की मौत के बाद वन विभाग के कर्मचारी पक्षीयों के पड़ाव स्थलो पर दाने पानी के साथ वैक्सीन के काम में जुटे हुए है.

जनता से रिश्ता। जिले के कापरडा गांव के समीप बड़ी संख्या में प्रवासी परिन्दे कुरजां मृत अवस्था में मिलने के बाद प्रशासन सकते में है. एक साथ बड़ी संख्या में कुरजां की मौत के बाद वन विभाग के कर्मचारी पक्षीयों के पड़ाव स्थलो पर दाने पानी के साथ वैक्सीन के काम में जुटे हुए है. बता दें कि शनिवार को सौ से अधिक कुरजां मृत मिलने और कई कुरजां के बीमार पड़ने के बाद वन विभाग व डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंच जांच शुरु की है. मारवाड़ क्षेत्र के खासकर फलौदी व बिलाड़ा क्षेत्र में इस समय कई गांवों में हजारों कुरजां ने डेरा डाल रखा है.

जोधपुर-जयपुर हाईवे के नजदीक स्थित कापरड़ा गांव के समीप जमा होने वाले पानी के निकट ढाई से तीन हजार कुरजां ने डेरा डाल रखा है. हाईवे से निकलने वाले कई लोग एक साथ बड़ी संख्या में प्रवासी परिन्दों को देख उनका कलरव सुनने यहां ठहर जाते है. पर्यावरण प्रेमी भजनलाल नैण ने शनिवार सुबह वहां कुछ कुरजां को मृत अवस्था व कहीयों को तड़पते हुऐ देखा. और जब उन्होंने खोजबीन करना शुरु किया तो मृत कुरजां की संख्या बढ़ती चली गई. साथ ही कई कुरजां बीमार भी मिली. उन्होंने कुछ अन्य लोगों की मदद से वन विभाग से संपर्क कर मौके पर बुलाया. थोड़े विलम्ब के बाद जोधपुर वन विभाग भी हरकत में आ गया और एक टीम ने मौके पर पहुंच जांच शुरु कर दी.
मारवाड़ में हजारों कुरजां ने डाला हुआ है डेरा
पक्षी विशेषज्ञ के अनुसार मारवाड़ में इन दिनों पचासों स्थान पर हजारों कुरजां ने डेरा डाल रखा है. सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय कर ये पक्षी साइबेरिया व मंगोलिया से जोधपुर के आसपास गांवो में पहुंचते है. सर्दी की शुरुआत में इनका आगमन होता है और सर्दी कम होते ही ये यहां से वापसी की उड़ान भर लेते है. बड़ी संख्या में कुरजां की मौत को पक्षी विशेषज्ञ खतरे की घंटी मान रहे है. उनका कहना है कि समय रहते इन प्रवासी परिन्दों में फैली बीमारी का पता लगाया जाना चाहिये.
बड़ी संख्या में हो सकती है कुरजां की मौत
मारवाड़ में इन दिनों कुरजां की संख्या बहुत अधिक है. यदि इनमें कोई बीमारी फैली तो बड़ी संख्या में इनकी मौत हो सकती है. मारवाड़ के कुछ गांवों में कुछ माह पूर्व बड़ी संख्या में कोव्वे व तिलवासनी गांव में करीब 46 वन्यजीव हिरण मृत पाए गए थे. ऐसे में अब एक साथ इतनी तादाद में मृत कुरजां मिलने के बाद प्रशासन भी सकते में आ गया है. मृत कुरजां का पोस्टमार्टम कर नमुने जांच के लिए भोपाल भेज दिये गये है. वहां जहां पर इन प्रवासी पक्षीयों का डेरा है. वहां के स्थलो का चयन कर दाने-पानी के साथ वैक्सीने दी जा रही है.


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