राजस्थान

अलवर में मॉब लिचिंग हंगामे के बाद पुलिस ने 7 आरोपीयों को किया गिरफ्तार, हिंदू संगठनों ने किया था विरोध प्रदर्शन

Renuka Sahu
17 Aug 2022 2:20 AM GMT
After the mob lynching uproar in Alwar, police arrested 7 accused, Hindu organizations protested
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फाइल फोटो 

अलवर में मॉब लिंचिंग के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां के थाना गोविंदगढ़ क्षेत्र के रामबास के रहने वाले एक व्यक्ति की 15-20 व्यक्तियों द्वारा लाठी तथा सरीये से पीट-पीटकर हत्या कर देने के मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अलवर में मॉब लिंचिंग के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां के थाना गोविंदगढ़ क्षेत्र के रामबास के रहने वाले एक व्यक्ति की 15-20 व्यक्तियों द्वारा लाठी तथा सरीये से पीट-पीटकर हत्या कर देने के मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो गाड़ी भी जब्त की है। सड़क मार्ग अवरुद्ध कर धरने पर बैठे मृतक के परिजनों और सामाजिक संगठनों से समझाइश कर पुलिस ने मृतक का अंतिम संस्कार करवा दिया है।

अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि घटना में शामिल उलाहेड़ी थाना सदर अलवर निवासी असद खान पुत्र मकबूल मेव, स्याबू पुत्र अशरफ खान, साहून खान पुत्र जुम्मे खान, तलीम खान पुत्र यासीन खान, कासम पुत्र साहाब दीन खान, पोला उर्फ ताफिक पुत्र रुजसार खान एवं विक्रम खान पुत्र जुम्मे खान को गिरफ्तार किया गया है।
एसपी गौतम ने बताया कि रामगढ़ रोड बिजली घर के पास रामबास निवासी योगेश सैनी ने थाना गोविंदगढ़ में एक रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 14 अगस्त की सुबह करीब 4:30 बजे उनके पिता चिरंजी लाल पास के खेत में शौच करने गए थे। जहां एक ट्रैक्टर, स्कॉर्पियो व पिकअप में विक्रम खान पुत्र जुम्मे खान और उसके 15- 20 साथी हाथों में लाठी, फर्सी व सरिया लेकर आए और आते ही उसके पिता के साथ मारपीट करने लगे।
शोर सुनकर वह और उनके चाचा हरीश व शिवलाल भाग कर पहुंचे तो उन्हें देख आरोपी भाग गए। गंभीर हालत में चिरंजी लाल को लेकर गोविंदगढ़ अस्पताल लाया गया। जहां से अलवर रेफर किया गया और फिर अलवर से जयपुर रेफर कर दिया गया। 15 अगस्त को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।
एसपी गौतम ने बताया कि थाना पुलिस ने पंचायत नामा की कारवाई कर मृतक चिरंजी लाल का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया और शव रात करीब 12 बजे अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंपा गया। अंतिम संस्कार नहीं होने की चेतावनी देकर 16 अगस्त को मृतक के परिजन, रिश्तेदार तथा कस्बा रामगढ़ व गोविंदगढ़ के सैकड़ों लोग एवं अलवर के हिंदुत्व संगठन से जुड़े लोगों ने मांग पत्र पेश किया। मांगों पर सहमति नहीं बनने पर सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिया गया था।
एसपी गौतम ने बताया कि एफआईआर में दर्ज नामजद अभियुक्तों में से 7 को गिरफ्तार किया गया तथा सड़क मार्ग अवरुद्ध कर बैठे लोगों के प्रतिनिधि मंडल को अलग से समझाइश कर अंतिम संस्कार के लिए मना लिया गया। जिसके बाद मृतक के शव का अंतिम संस्कार करवा रास्ता चालू करवाया गया। बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर चोरी के शक में चिरंजी लाल की पिटाई की गई थी।
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