हत्याकांड के बाद कभी हरिद्वार तो कभी आगरा भागते रहे शूटर
मुरादाबाद: अनुज चौधरी हत्याकांड के आरोपी शूटर दस अगस्त तो वारदात को अंजाम देने के बाद से अलग-अलग जिलों में यात्रा करते हुए फरारी काट रहे थे. वारदात के ठीक बाद उन्हें एक कार से जोया तक पहुंचाया गया. जहां से वह हरिद्वार चले गए थे. हत्याकांड को अंजाम देने को शूटरों ने करीब दस दिन तक रैकी कर फुलप्रूफ प्लान बनाया था. एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया ने बताया आरोपियों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है. वारदात के बाद तीनों शूटरों ने बाइक को एक जगह ठिकाने लगाया व कार में सवार हो गए. कार वाले ने इन तीनों को अमरोहा के जोया में ले जाकर छोड़ दिया. पुलिस के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जोया से वह तीनों अमरोहा पहुंच गए थे. वहां से बस में सवार होकर अगले दिन हरिद्वार निकल गए. इस दौरान तीनों फोन का इस्तेमाल बंद कर दिए थे ताकि पुलिस को लोकेशन न पता चला. पुलिस के अनुसार हरिद्वार के बाद दो दिन तक आरोपियों ने ऋषिकेश में समय बिताया. उस समय वहां कांवड़ियों की बहुत संख्या थी इसलिए उन पर कोई शक नहीं कर सका. बाद में ऋषिकेस से तीनों दोबारा हरिद्वार पहुंचे और वहां से ट्रेन में सवार होकर दिल्ली निकल गए. दिल्ली से आगरा पहुंच गए. तीनों शूटर बाद में बिजनौर जिले में आकर डेरा डाल दिए. पुलिस के अनुसार सुबह मुठभेड़ के दौरान तीनों को पकड़ लिया.
अगवानपुर और मझोला में मुठभेड़: अगवानपुर पुल पर हुई मुठभेड़ में मझोला के ब्रह्मपुरी जयंतीपुर में रहने वाले सुशील शर्मा उर्फ गोलू ( मूल निवासी गजरौला की अवंतिका कालोनी, आजाद नगर) पकड़ा गया. जबकि आरोपी की गोली हेड कांस्टेबल गजेंद्र सिंह के हाथ पर लगी और वह घायल हो गए. दूसरी मुठभेड़ में एसएचओ विप्लव शर्मा की टीम ने नया मुरादाबाद सेक्टर 15 में बदमाशों की घेराबंदी कर दी. मझोला के ब्रहमपुरी जयंतीपुर निवासी शूटर सूर्यकान्त उर्फ शानू और कटघर के दस सराय क्षेत्र के डबल फाटक भदौड़ा निवासी आकाश उर्फ गटुआ को पकड़ा.