राजस्थान

कोरोना काल के बाद कोटा में भी फॉरेन टूर पर जाने का बढ़ा क्रेज

Admin Delhi 1
1 Nov 2022 1:15 PM GMT
कोरोना काल के बाद कोटा में भी फॉरेन टूर पर जाने का बढ़ा क्रेज
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कोटा न्यूज़: कोटा में एयरपोर्ट तो है लेकिन यहां से नियमित उड़ान अभी तक शुरु नहीं हुई है। नया एयरपोर्ट बनने में भी समय लगेगा। लेकिन कोटा से भी लोगों का विदेश जाने का क्रेज काफी बढ़ा है। इसका अंदाजा लोगों में पासपोर्ट बनवाने के उत्साह से लगाया जा सकता है। कोरोना काल के बाद अचानक पासपोर्ट बनवाने वालों में तेजी आई है। कोटा में नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए शम्भूपुरा के पास करीब 1250 एकड़ जमीन देने की रा'य सरकार ने स्वीकृति तो जारी कर दी है। लेकिन उसका हस्तांतरण नहीं होने से अभी तक उसकी आगे की प्रक्तिया शुरू नहीं हो पाई है। यहां नया एयरपोर्ट बनना प्रस्तावित है। जिससे कोटा से जयपुर समेत अन्य बड़े शहरों के लिए नियमित हवाई सेवा शुरू हो सकेगी। लेकिन वर्तमान एयरपोर्ट से नियमित हवाई सेवा नहीं है। इसके बावजूद कोटा में पासपोर्ट बनवाने वालों का क्रेज काफी बढ़ा है। वह भी युवा पीढ़ी में। युवाओं का पढ़ाई व नौकरी के लिए विदेश जाने का क्रेज तो बढ़ा ही है। साथ ही उनके परिवार का अपने बच्चों से मिलने जाना और विदेश घूमने का उत्साह भी पहले से अधिक हुआ है। इसका कारण कोटा में ही पासपोर्ट का आसानी से बनाना है। जानकारों के अनुसार कोटा से अधिकर लोग घूमने के लिए थाईलैंड व अमेरिका तो जाते ही हैं। जबकि पढ़ाई व नौकरी के लिए अधिकर लोग रूस व यूक्रेन भी जाते हैं।

झालावाड़ की तुलना में करीब चार गुना अधिक:

कोटा पासपोर्ट सेवा केन्द्र की तुलना में झालावाड़ में बन रहे पासपोर्ट की संख्या करीब एक चौथाई है। कोटा में जहां इस साल 9 महीने में 9687 पासपोर्ट बने हैं। वहीं झालावाड़ में एक चौथाई 2769 पासपोर्ट बने हैं।

रोजाना बन रहे 100 पासपोर्ट:

पासपोर्ट सेवा केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा में पहले जहां रोजाना करीब 80 पासपोर्ट बन रहे थे। वहीं अब इनकी संख्या बढ़ाकर 95 से 100 कर दी गई है। नयापुरा प्रधान डाकघर स्थित पासपोर्ट सेवा केद्र में सुबह से शाम तक पासपोर्ट बनवाने वालों विशेष रुप से युवा और अब तो महिलाओं की संख्या भी अधिक देखी जा सकती है। हालत यह है कि पासपोर्ट बनाने की संख्या बढ़ाने के बाद भी अगले 20 दिन की वेटिंग चल रही है।

कोरोना काल के बाद हुई वृद्धि:

कोटा में कोरोना काल से पहले भी पासपोर्ट बन रहे थे लेकिन उस समय इनकी संख्या इतनी अधिक नहीं थी। लेकिन कोरोना के बाद पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या अचानक तेजी से बढ़ी है। पासपोर्ट सेवा केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार मार्च 2020 से मार्च 2021 तक जहां करीब एक साल में मात्र 5082 पासपोर्ट बने थे। वहीं अप्रेल 2021 में जहां मात्र 364 पासपोर्ट कोटा केन्द्र में बने थे। उसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते पासपोर्ट बनना बंद हो गया था। जिससे मई में एक भी पासपोर्ट नहीं बनने से यह संख्या शून्य हो गई थी। उसके बाद जून में 417, जुलाई में 522, अगस्त में 563 पासपोर्ट बने थे। जबकि सितम्बर में इनकी संख्या बढ़कर 1088 हो गई है। अक्टूबर 2021 के बाद से रह महीने करीब 1 हजार पासपोर्ट बन रहे थे। वहीं इस साल जून से इनकी संख्या और भी बढ़ गई। जानकारी के अनुसार जून में 1364, जुलाई में 1252, अगस्त में 129 व सितम्बर में 1404 पासपोर्ट बनाए गए हैं।

ज्यादातर होली डे टूर पर जाते हैं:

कोटा से विदेश जाने वालों के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पासपोर्ट बनवाने की सुविधा शुरू होने के बाद से लोगों का रूझान तो बढ़ा है। लेकिन पिछले 5 माह में इसमें काफी अधिक वृद्धि हुई है। इस साल के 9 माह में जनवरी से सितम्बर तक कोटा पासपोर्ट सेवा केन्द्र से कुल 9687 पासपोर्ट बने हैं। जिनमें से 6118 पासपोर्ट सिर्फ 5 माह में मई से सितम्बर के बीच ही बने हैं। इस हिसाब से हर महीने करीब 1 हजार से अधिक पासपोर्ट कोटा में बन रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग विदेश यात्रा करने वाले हैं।

मार्च 2017 में शुरू हुआ था कोटा में केंद्र:

पासपोर्ट बनवाने के लिए पहले कोटा के लोगों को जयपुर जाना पड़ता था। लेकिन सांसद ओम बिरला के प्रयासों से कोटा में 6 मार्च 2017 को पासपोर्ट सेवा केन्द्र शुरू किया गया था। फिलहाल यह नयापुरा स्थित प्रधान डाकघर में संचालित है। इसके अलावा 12 अप्रेल 2017 को झालावाड़ में भी एक पासपोर्ट सेवा केद्र खोला गया था।


कोटा में पासपोर्ट सेवा केन्द्र शुरु होने के बाद यहां के लोगों को सुविधा मिलीे है। जिससे अधिक लोग यहां पासपोर्ट बनवा रहे हैं। एक केद्र झालावाड़ में है। जिसके जो नजदीक पड़ता है वह वहां पासपोर्ट बनवा सकता है। पासपोटके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। पुलिस सत्यापन के बाद प्रक्रिया पूरी होने पर करीब 15 दिन के भीतर पासपोर्ट बन जाता है। कोटा के प्रधान डाकघर में पासपोर्ट सेवा केन्द्र के लिए जगह व कर्मचारी दिए हुए हैं। कोटा से सभी जगह पर लोग पढ़ाई व घूमने के लिए जा रहे हैं। लेकिन विशेष रूप से किस देश में और किस मकसद से जा रहे हैं यह संबंधित एम्बेसी से बनने वाले वीेजा से ही पता चल पाएगा।

- प्रवीण कुमार, सहायक अधीक्षक, मुख्यालय, प्रधान डाककर कोटा

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