नीमराना रिसॉर्ट में करोड़ों की ठगी के बाद बिल्डरों ने रियल एस्टेट कंपनी भी बेच डाली
जयपुर। नीमराना रिसॉर्ट में सस्ते भूखंड दिलाने के नाम पर जयपुर, अलवर और दिल्ली में कई लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले बिल्डर्स के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। कोलकाता के ठग बिल्डर्स ने करोड़ों रुपए की ठगी के बाद कंपनी डायमंड संजीवनी प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. भी बेच डाली। राजकिशोर मोदी और उसे साथी अपने शेयर्स का पैसा लेकर वर्ष 2018 में इस कंपनी से रिटायर हो गए। नए डायरेक्टर्स ने कंपनी का नाम अब वेदिका प्रोजेक्टस लि. कर लिया है। हालांकि राजकिशोर मोदी अभी भी वेदिक विलेज डेवलपर्स प्रा. लि. और मंदाकिनी होम्स प्रा. लि. में डायरेक्टर है। ये कंपनियां वर्ष 2009 और 2007 के दौरान कोलकाता में रजिस्टर्ड हुई हैं।
इधर, राजस्थान के पीड़ितों ने जब राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी के खिलाफ शाहजहांपुर में एफआईआर दर्ज कराई तो वे फरार हो गए हैं। इसका पता तब चला जब इनके जयपुर और कोलकता ठिकानों पर पुलिस जुर्म धारा 420, 406 और 120बी के तहत एफआईआर में पूछताछ के लिए नोटिस तामील करवाने पहुंची। पुलिस ने अब नोटिस उनके ठिकानों पर चस्पा कर दिए हैं।
पीड़ितों के मुताबिक पुलिस को पहले तो राजकिशोर मोदी और सिद्धार्थ ने अपने वकील की उपस्थिति में सभी से प्लॉट के बदले पैसे लेना कबूल कर लिया। फिर कभी अपने पीए से तो कभी सुजाता मोदी से नोटिस साइन कराने का झांसा देकर ये लोग फरार हो गए। सिद्धार्थ जयपुरिया ने तो अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया है। ठगी के शिकार हुए लोग अब कंपनी एवं कॉरपोरेट मंत्रालय, सेबी, कंपनी रजिस्ट्रार और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं।
पीड़ितों के मुताबिक हालांकि पुलिस ने वकील की उपस्थिति में राजकिशोर और सुजाता मोदी का नोटिस उनके निवास 1/1B अपर सरणी रोड पर उपस्थित पीए को दे दिया। सिद्धार्थ जयपुरिया जो कि राजकिशोर मोदी का जयपुर में नजदीकी रिश्तेदार है, ने ही इस ठगी का खेल रचा था। अपना मोबाइल बंद करके फरार हो गया। पुलिस ने सभी नोटिस इनके निवास के साथ-साथ वाट्सएप पर इनके वकील की उपस्थिति में तामील करवा दिए। वकील के कई बार समझाने के बाद भी राजकिशोर मोदी बोलता रहा कि वह संजय पसारी से पैसे दिलवा देगा।
पीड़ितों का कहना है कि प्लॉट खरीदने वाले आवंटी राजकिशोर मोदी के वकील के कहने के बाद ही मोदी से मिलने कोलकात्ता गए थे। लेकिन, सिद्धार्थ, राजकिशोर और सुजाता मोदी को जब लगा कि उनका वकील ही उन्हें सही राय दे रहा है तो पैसा लेने की बात कबूल करके वे मौके से फरार हो गए। पुलिस से पता चला है कि सिद्धार्थ, जयपुरिया एप्रैल एजेंसी नाम से जयपुर में भवानी निकेतन स्कूल के पीछे वाले एरिया में अपना गिफ्ट आइटम का धंधा करता है। यह लोकल लेवल पर राजकिशोर का एजेंट भी है।
कानून के जानकारों का कहना है कि नोटिस तामिल होने के बाद अब दी गई तारीख पर अगर राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी थाने पर हाजिर नहीं होंगे तो इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। वैसे कोलकात्ता में राजकिशोर मोदी वैदिक विलेज, ग्रीन टेक आईटी सिटी प्रा. लि., संजीवा श्री समेत कई प्रोजेक्ट का मालिक है। लेकिन, राजकिशोर कंपनी की दूसरी कंपनियां के कोलकात्ता प्रोजेक्ट मैं भी इनकी ठगी के शिकार हुए इन्वेस्टर्स का रोना इनके निवास स्थित कार्यालय में निरंतर चलता रहता है। कोलकात्ता में खुद की ऊंची पहुंच बताकर राजकिशोर और सुजाता मोदी ने तमाम लोगों को ठग रखा है।
रियल एस्टेट कंपनियों की ठगी के प्रति सावधान रहेंः
नीमराना रिसॉर्ट्स प्रकरण रियल एस्टेट कंपनियों की ठगी का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे रियल एस्टेट माफिया लोगों की जिंदगीभर की पूंजी कैसे हड़पता है। पहले ऊंचे सब्जबाग दिखाते हैं। फिर पैसा लेकर उन्हें चक्कर कटवाते रहते हैं। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कंपनियों से खुद रिटायर हो जाते हैं। उनके नाम और पते तक बदल दिए जाते हैं। ठगे गए लोग उनका इतना पीछा भी नहीं कर पाते। इसलिए थक हारकर अपनी रकम गंवाकर बैठ जाते हैं।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।