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जयपुर: चुनाव आचार संहिता से पहले बड़ी घोषणाएं करते हुए राजस्थान के सीएम ने बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जाति जनगणना कराने की घोषणा की है.शुक्रवार रात कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा, 'हम बिहार की तर्ज पर जातीय जनगणना कराएंगे. कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया. इसके बाद हम बिहार की तरह राजस्थान में भी जाति जनगणना कराएंगे.'
जाति जनगणना से प्रत्येक जाति की जनसंख्या स्थिति स्पष्ट हो जायेगी
गहलोत ने कहा कि जाति जनगणना से प्रत्येक जाति की जनसंख्या की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और इससे सरकार को उनके लिए विशिष्ट योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी.हालांकि यह पहली बार नहीं है कि गहलोत ने इस बारे में बात की है. इसी साल 9 अगस्त को मानगढ़ धाम में पार्टी की बड़ी रैली में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में भी ऐसा ही वादा किया था. उन्होंने ओबीसी का आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की भी बात कही.
चुनाव आचार संहिता
लेकिन इस घोषणा के दो महीने बाद भी वादा पूरा करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है. अब एक-दो दिन में चुनाव आचार संहिता लागू होने वाली है। अगर सरकार आदेश जारी भी कर दे तो जातीय जनगणना की प्रक्रिया इतनी लंबी है कि राज्य में नई सरकार के गठन से पहले इस पर कुछ नहीं किया जा सकता.
अभी स्थिति
राजस्थान में जाति जनगणना का कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन विभिन्न स्रोतों के अनुसार, राजस्थान में 89 प्रतिशत आबादी हिंदू, 9 प्रतिशत मुस्लिम और 2 प्रतिशत अन्य धर्मों की है। अनुसूचित जाति की आबादी 18 फीसदी है, अनुसूचित जनजाति की आबादी 13 फीसदी है, जाट आबादी 12 फीसदी है, गुर्जर और राजपूत आबादी 9-9 फीसदी है, ब्राह्मण और मीना की आबादी 7-7 फीसदी है.
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Harrison
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