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जयपुर। राजस्थान के नागौर जिले के परबतसर उपखंड के नडवा गांव में आज उस समय मातम छा गया जब यहां का लाडला 2 साल का तनिष्क इस दुनिया में नहीं रहा. गांव वाले सभी लोग तनिष्क के ठीक होने का इंतजार कर रहे थे. 2 साल का तनिष्क स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था. इस बीमारी के उपचार के लिए तनिष्क को 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरुरत थी. तनिष्क के पिता शैतान सिंह ने अपने बच्चे के लिए सरकार के सभी नुमांइदों से फरियाद की थी सरकार अपने स्तर पर इंजेक्शन की व्यवस्था करवा दे. लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
तनिष्क के इंजेक्शन नहीं लगने के कारण जयपुर अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. सांसद हनुमान बेनीवाल ने पिछले साल केन्द्र सरकार से तनिष्क की मदद की मांग की थी. इस दुर्लभ बीमारी से बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो जाती है. बच्चा स्तन पान नहीं कर पाता. इससे धीरे धीरे शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं. तनिष्क का वर्तमान में राजधानी जयपुर के जेके लोन अस्पताल में उपचार चल रहा था.
चिकित्सकों का कहना था कि इस बीमारी के कारण शरीर में सर्वाइएल ऑफ मोटर न्यूरॉन जीन की कमी से शरीर में प्रोटीन नहीं बन पा रहे हैं. इससे वह न तो ठीक से खा सकता है ना ठीक से सो पाता है. इस बीमारी से 5.5 एम.एल का जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन से बचाया जा सकता है. लेकिन उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये थी. 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं हो के कारण तनिष्क की मौत हो गई.
तनिष्क इंजेक्शन का डेढ़ साल से इंतजार कर रहा था. तनिष्क जब 9 महीने का था तब जयपुर में चिकित्सकों ने 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन के लिए परिजनों को कहा था. इंजेक्शन की इतनी मोटी रकम के लिए परिजनों ने राज्य और केंद्र सरकार दोनों से गुहार लगाई थी ताकि उनके लाडले को बचाया जा सके. लेकिन उनकी उम्मीदें अधूरी रह गई. तनिष्क की मौत के बाद उसके गांव में मातम पसर गया.
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