राजस्थान

15 साल बाद बाघों की संख्या बताने का तरीका बदल गया

Admin Delhi 1
18 Aug 2023 6:30 AM GMT
15 साल बाद बाघों की संख्या बताने का तरीका बदल गया
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बाघिन बाघिनों को साल के आधार पर नम्बर जारी किए जा रहे है।

सवाई माधोपुर: रणथम्भौर में बाघ-बाघिनों को पहचान देने के तरीके नम्बर बदलाव किया गया है। इससे पहले वन्यजीव प्रेमियों की ओर से भी बाघ बाघिनों को कई अलग- अलग नाम दिए जाते रहे हैं। जिनमें से कुछ नाम बहुत प्रसिद्ध हुए हैं। इनमें से रणथम्भौर की बाघिन मछली, ऐरोहैड, रिद्धी, सिद्धी, शर्मिली, सुंदरी, कालू, धोलू, जय, वीरु प्रसिद्ध है। इसके अलावा वन विभाग की ओर से बाघ बाघिनों को रणथम्भौर में टी-1 टी-2 इस तरह के कोड नम्बर जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन अब वन विभाग की ओर से बाघ बाघिनों को नम्बर जारी करने की प्रक्रिया में बदलाव किया है।

रणथम्भौर में अब वन विभाग की ओर से बाघिन बाघिनों को साल के आधार पर नम्बर जारी किए जा रहे है। ऐसे में जिस बाघ या बाघिन को जिस भी साल में विभाग की ओर से नम्बर जारी किए जाएंगे पहले उस साल के अंतिम दो डिजीट और फिर बाघ या बाघिन का नम्बर जोडकर कोड जारी किया जा रहा है। इसी क्रम में विभाग की ओर से हाल ही में बाघिन को टी-2301 नम्बर जारी किया था।

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