राजस्थान

प्रशासन सतर्क, ख्वाजा की दरगाह पर बड़ी तादाद में जुटे अकीदतमंद

Gulabi Jagat
4 Aug 2022 4:42 AM GMT
प्रशासन सतर्क, ख्वाजा की दरगाह पर बड़ी तादाद में जुटे अकीदतमंद
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बड़ी तादाद में जुटे अकीदतमंद
अजमेर. मिनी उर्स पर जायरीनों के लिए खासे इंतजामात किए गए हैं. कायड़ विश्राम स्थली में आवास, भोजन सहित सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं की जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी ने व्यवस्थाएं की हैं (Ajmer On Moharram 2022). अजमेर में मोहर्रम उर्स 2022 के मौके पर सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में देश के कोने कोने से जायरीन आ रहे हैं. जो हजारों की तादाद में कायड़ विश्राम स्थली में ठहरे हुए हैं. प्रतिदिन 50 से अधिक बसें अजमेर पहुंच रही है. इस लिहाज से जायरीन की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. देखा ये भी जा रहा है कि बारिश की वजह से जायरीन दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं ठहर रहे हैं. ख्वाजा की दरगाह में हाजिरी लगा लोग वापस अपने घरों को लौट रहे हैं. कायड़ विश्रामस्थली से बस स्टैंड तक आने जाने के लिए रोडवेज बसों की भी व्यवस्था की गई है.
ख्वाजा खुद बुलाते हैं: कायड़ विश्राम स्थली पर ठहरे जायरीनों ने स्थानीय प्रशासन की कोशिशों को बेहतरीन बताया (Moharram Urs 2022). जायरीनों के मुताबिक तमाम जरूरियात का उम्दा इंतजाम किया गया है. मुफ्त इलाज की सेवा भी उपलब्ध है. ज्यादातर जायरीनों का कहना है कि ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति आस्था उन्हें खींच लाती है. दरगाह में अपने परिवार की खुशहाली, मुल्क की बेहतरी की दुआ करने वो यहां आए हैं.
व्यापारी पुरसुकून: मोहर्रम उर्स पर जायरीनों की आवक से व्यापारी पुरसुकून हैं. विभिन्न सामानों के खरीदार उनके बिजनेस को भी बढ़ा रहे हैं. व्यापारी विजय बुधवानी के मुताबिक छठी से पहले जायरीन और भरेंगे. होटल्स में प्री बुकिंग हो चुकी है. साथ में बताते हैं कि उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड के बाद 10 से 15 दिन दरगाह में जायरीनों की तादाद काफी घटी थी. धीरे-धीरे माहौल सामान्य होने के बाद विश्वास लौटा है और अकीदतमंद आने लगे हैं.
प्रतिदिन 50 से 60 जायरीन की बसें आ रही है: कायड़ विश्राम स्थली में प्रभारी मोहम्मद शफीक खान ने बताया कि 246 जायरीन की बस कायड़ विश्राम स्थली अब तक आ गई हैं. इनमें से 50 के लगभग बसें वापस जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से जायरीन 3 दिन से अधिक नहीं रुक रहे हैं. कायड़ विश्राम स्थली में बड़ी संख्या वेस्ट बंगाल और यूपी से पधारे जायरीनों की है. खान ने तस्दीक की कि जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी की ओर से जायरीन की सहूलियत के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा जायरीन की सुविधा के लिए अस्थाई बाजार भी है जहां वह अपनी इच्छा अनुसार खरीदारी भी कर सकते हैं.


बाबा फरीद का चिल्ला खुला: दरगाह में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार के समीप ही बाबा फरीद का चिल्ला है. बाबा फरीद ख्वाजा गरीब नवाज के मुरीद थे. यहां चिल्ले पर रहकर उन्होंने इबादत की थी. बताया जाता है कि बाबा फरीद की मजार पाकिस्तान के पाक पटनम में है. वहां भी बाबा फरीद का उर्स शिद्दत के साथ मनाया जाता है. दरगाह में खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि पांचवे मोहर्रम को बाबा फरीद का उर्स मनाया जाता है. मोहर्रम की 4 तारीख को बाबा फरीद का चिल्ला खोला जा चुका है. 4 से 7 मोहरम यानी 72 घंटे ही ये वर्ष में खुलता है.
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