आदिवासी एकता परिषद ने की मणिपुर सरकार को बर्खास्त करने की मांग, सौंपा ज्ञापन
राजसमंद न्यूज़: आदिवासी एकता परिषद राजसमंद ने मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म और नग्न घुमाने की घटना के विरोध में मंगलवार को कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि पिछले दो माह से मणिपुर राज्य में आदिवासी समुदाय पर हो रहे अत्याचार एवं अन्याय से आदिवासी समुदाय आक्रोशित है।
राजसमंद जिले के सभी आदिवासी संगठनों ने कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति से अपील की है कि मणिपुर सरकार को जल्द से जल्द बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और दोषियों को 15 दिन के भीतर फांसी दी जाए, अन्यथा आदिवासी एकता परिषद और राजसमंद जिले का आदिवासी समुदाय बड़ा आंदोलन करेगा.
इस अवसर पर जनजाति एकता परिषद एवं संस्थान के अध्यक्ष इंद्रलाल गमेती, महिला प्रकोष्ठ कुसुम मीना, महिला मंत्री नीतू गमेती यशोदा, मोनिका, सीमा, दुर्गा, सूर्या भील ग्रामीण महिला मंडल अध्यक्ष जमनाबाई भील, लेहरी बाई, नंदूबाई, लीलाबाई, संरक्षक रामलाल मीना, धन्नालाल भील, चेनाराम भील, भरत मीना, भेरूलाल भील, संगठन मंत्री रतनलाल भील, तुलसीराम मीना, तहसील अध्यक्ष भंवरलाल भील, एडवोकेट वेनीराम गामेती टीआई, भीम आर्मी से ईश्वर पहाड़िया, लक्ष्मण सांवरिया, बांसोल वार्डपंच ओमप्रकाश भील, जगदीश भील, जालम आमेट, किशन आमेट, उपाध्यक्ष मदनलाल भील आदि मौजूद थे। इधर, आम आदमी पार्टी राजसमंद ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू के नाम कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को ज्ञापन सौंपा.