राजस्थान

अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईड़ी ने ली समीक्षा बैठक तीन माह पहले स्वीकृत हैण्डपंप एवं ट्यूबवैल अभी तक लंबित लापरवाही

Tara Tandi
13 July 2023 12:23 PM GMT
अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईड़ी ने ली समीक्षा बैठक तीन माह पहले स्वीकृत हैण्डपंप एवं ट्यूबवैल अभी तक लंबित लापरवाही
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मार्च माह में स्वीकृत हैण्डपंप एवं ट्यूबवैल जुलाई के दूसरे सप्ताह तक लंबित रहने को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने संबंधित अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. अग्रवाल गुरूवार को विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मार्च-अप्रेल में स्वीकृत हैण्डपंप एवं नलकूप अभी बारिश के मौसम में खोदने से कम गहराई पर पानी आ जाएगा और अगले साल गर्मी के मौसम में ये फिर से सूख जाएंगे। विभागीय अभियंताओं की इस लापरवाही से एक साल में ही हैण्डपंप-ट्यूबवैल अनुपयोगी हो जाते हैं और आमजन की पेयजल की समस्या का भी समाधान नहीं हो पाता।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2023 एवं इससे पहले के 147 टयूबवैल अभी तक कमीशन नहीं हुए हैं जबकि अप्रेल 2023 एवं इसके बाद के 509 ट्यूबवैल अभी तक कमीशन नहीं हुए हैं। सर्वाधिक पेंडेंसी जोधपुर, सीकर, बीकानेर, बाड़मेर एवं अलवर में है। इसी प्रकार मार्च 2023 एवं इसके पहले के स्वीकृत 377 तथा अप्रेल 2023 एवं इसके बाद स्वीकृत 1744 हैण्डपंप अभी तक लंबित हैं। अजमेर, जयपुर, सीकर, धौलपुर एवं सवाई माधोपुर में सर्वाधिक हैण्डपंप लंबित हैं। प्रदेश के कई जिलों में स्थापित ट्यूबवैल बिजली कनेक्शन नहीं होने से कमीशन नहीं हो पाए हैं और इसका असर जल कनेक्शनों की प्रगति पर पड़ा है।
प्रतिमाह होने वाली समीक्षा बैठक में बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी पेंडेंसी रहने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने नाराजगी जताते हुए बारिश से पहले ही हैण्डपंप एवं नलकूप खुदाई के कार्य पूरे करने को कहा ताकि सही गहराई पर पानी मिले और बाद में कम से कम हैण्डपंप-ट्यूबवैल ड्राई हों। उन्होंने वर्षाकाल में हैण्डपंपों की खुदाई नहीं करने के निर्देशों की पालना सख्ती से करने को कहा। हर घर जल सर्टिफिकेशन के कार्य में हो रही लापरवाही पर डॉ. अग्रवाल ने एसीई (सपोर्ट एक्टीविटीज) श्री सतीश जैन को कार्य पर फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने बीसलपुर-जयपुर ट्रांसमिशन मैन लाइन में पिछले माह हुए लीकेज को भी गंभीरता से लेते हुए एसई (बीसलपुर प्रोजेक्ट) को फील्ड में रहकर मेंटिनेंस की पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
जेजेएम के तहत वृहद पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए डॉ. अग्रवाल ने लापरवाहीपूर्वक देरी करने वाली फर्मों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि बड़ी परियोजनाओं में 50 प्रतिशत प्रो-राटा प्रोग्रेस नहीं होने की स्थिति में दो परियोजनाएं फर्मों से वापस ली जा चुकी हैं एवं पांच प्रोजेक्ट्स वापस लेने के संबंध में कार्यवाही चल रही है। अभी 11 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनकी प्रो-राटा प्रोग्रेस 50 प्रतिशत से कम है। डॉ. अग्रवाल ने वृहद परियोजनाओं एवं ओटीएमपी में कम प्रगति वाली फर्मों की रेड लिस्ट जल्दी तैयार करने को कहा।
अप्रेल से जून तक 7888 अवैध कनेक्शन हटाए
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध कनेक्शन हटाने, बूस्टर्स जब्त करने, टंकियों की सफाई, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पुरानी एवं क्षतिग्रस्त पाइप लाइन बदलने के संबंध में प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में अप्रेल माह से लेकर 30 जून तक 8729 अवैध जल संबंध चिन्हित किए गए 841 कनेक्शन नियमित किए गए तथा 7888 अवैध जल संबंध हटाए गए। अधिकारियों ने बताया कि अकेले जून माह में 3360 अवैध जल संबंध चिन्हित किए गए जिनमें से 3092 हटाए गए एवं 268 कनेक्शन नियमित किए गए। वर्ष 2023-24 में सर्वाधिक अवैध जल संबंध चिन्हित करने वाले जिलों में नागौर (950), अजमेर (692), टोंक (608), नगर वृत्त, जोधपुर (544) एवं बाड़मेर (470) हैं। गत वर्ष यानी 2022-23 में प्रतिमाह औसत 1335 अवैध जल संबंध चिन्हित किए गए थे जबकि वर्ष 2023-24 के पहले तीन माह में प्रतिमाह 2910 अवैध जल संबंध चिन्हित किए गए हैं।
अप्रेल से जून तक की अवधि में 445 अवैध बूस्टर्स भी जब्त किए गए। भरतपुर, जैसलमेर, चितौड़गढ़ एवं अजमेर में जून माह में कोई भी अवैध बूस्टर जब्त नहीं होने तथा बांसवाड़ा, जयपुर, भरतपुर एवं प्रतापगढ़ में जब्त बूस्टर्स की संख्या 8 से भी कम होने पर आश्चर्य जताते हुए एसीएस ने अभियंताओं को पेयजल आपूर्ति के समय फील्ड में जाने और समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि पिछले तीन माह में प्रदेश में औसत 446 बूस्टर प्रतिमाह जब्त किए गए जबकि पिछले वर्ष यह औसत 72 बूस्टर प्रतिमाह था। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर अवैध जल संबंधों एवं बूस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की निरंतर मॉनिटरिंग से इस साल अवैल जल कनेक्शन हटाने एवं बूस्टर्स जब्ती की संख्या बढ़ी है।
बैठक में एमडी जल जीवन मिशन श्री अविचल चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव श्री राम प्रकाश, उप सचिव श्री गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) श्री आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री दलीप गौड, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (प्रशासन) श्री राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशाषी अभियंता शामिल हुए।
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