
कोटा। पुलिस की कार्यशैली से नाराज होकर थाने में आत्मदाह करने वाले राधेश्याम का शव बुधवार सुबह दिल्ली से कोटा लाया गया। लेकिन, परिजनों ने शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया है। परिजन 60 लाख की मांग और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए है। राधेश्याम के परिजन जिला कलेक्ट्री में वार्ता के लिए पहुंचे। जहां पिछले 1 घंटे से एडीएम, एसडीएम सहित पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता का दौर जारी है। जानकारी के मुताबिक कोटा शहर के नयापुरा थाने में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर 15 सितंबर को खंड गावडी निवासी राधेश्याम मीणा ने खुद को आग लगा ली थी।
इस मामले में पहले उसे पुलिसकर्मी आग बुझा कर एमबीएस अस्पताल ले गए थे, जहां से 15 सितंबर की देर रात को ही जयपुर रेफर कर दिया था। वहीं, 17 सितंबर देर रात को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एसएमएस अस्पताल जयपुर से दिल्ली एम्स भेज दिया था, जहां पर उपचार के दौरान मंगलवार को राधेश्याम की मौत हो गई थी। कोटा से गई पुलिस टीम ने दिल्ली के अस्पताल में ही पोस्टमार्टम करवाया।
इसके बाद बुधवार सुबह राधेश्याम के शव को लेकर पुलिस कोटा पहुंची। लेकिन, परिजनों से शव लेने से इनकार करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने के साथ 60 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी मृतक के परिजनों से समझाइश में लगे हुए है।
न्यूज़क्रेडिट: sachbedhadak