भरतपुर। बच्चे से कुकर्म के मामले में नया मोड़ आया है. अब आरोपी जज (Judge) ने बच्चे की मां के खिलाफ ब्लैकमेलिंग (blackmailing) का केस दर्ज करा दिया है. जज का आरोप है कि उन्होंने बच्चे को स्कूटी दिलवाई थी. जब वे स्कूटी घर ले आए तो मां ने उन्हें केस में फंसाने की धमकी दी. इसके अलावा एक युवक ने राजीनामा के नाम 5 लाख रुपए मांगे. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. उधर मामले को बाल आयोग की अध्यक्ष ने गंभीरता से लेकर सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मथुरा गेट थाने में 14 साल के बच्चे से कुकर्म का केस दर्ज होने के बाद जज जितेंद्र गुलिया और धमकी देने वाले ACB के सीओ को सस्पेंड कर दिया गया था. जिस बच्चे के साथ कुकर्म हुआ, उसने बताया कि वह टेनिस खेलने जाता था. उस क्लब में जज गुलिया जिम करने के लिए आता था. कुछ समय के लिए जिम बंद हो गई तो मजिस्ट्रेट उसके साथ खेलने लगे. गुलिया बच्चे के साथ खूब घुल-मिल गए तो उसे घर ले जाने की जिद करने लगे.
'खाने में नशा देकर जज अंकल करते थे गंदा काम' - बच्चे ने बताया कि जज अंकल घर ले जाकर खाने पीने के लिए कुछ चीजें देते थे. खाने के बाद नशा होने लगता और सिर घूमने लगता. नशा करने के बाद कपड़े उतार देते और अश्लील हरकत करते. कई बार उन्होंने गलत भी किया. जब जज अंकल को यह सब करने से मना करते तो वे गालियां देते. कहते जो तेरे साथ कर रहा हूं वह तुम्हारी मां के साथ भी करूंगा और तेरे भाई को जेल भेज दूंगा.
बच्चे पर तरस खाकर स्कूटी दिलाई थी - दूसरी ओर गुलिया ने रिपोर्ट में बताया कि वह क्लब में टेनिस खेलने के लिए जाता था. एक महीना पहले बच्चे से मुलाकात हुई, जिसके जूते फटे थे और उसके पास पुराना रैकेट था. बच्चा टेनिस अच्छा खेलता था. इसीलिए उसे जूते खरीदने के रुपए दिए. बच्चे ने बताया कि वह क्लब साइकिल से आता है तो काफी थक जाता है. इसलिए वह उसे स्कूटी दिलवा दें. इस पर अपने कर्मचारी को 20 हजार स्कूटी की डाउन पेमेंट देकर भेजा. एक दिन बच्चा खेलने नहीं आया. मां से पूछा तो उनका कहना था कि बच्चा आपके साथ रहकर बिगड़ गया. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने बच्चे के घर से स्कूटी उठा ली. बच्चे की मां ने मजिस्ट्रेट को धमकी दी की वह उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा देगी. इस बीच एक राजीव नाम के व्यक्ति ने मजिस्ट्रेट से राजीनामा करवाने के 5 लाख रुपए मांगे.
महिला ने बताया कि पुलिस मेरे परिजनों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है. साथ ही पुलिस धमका रही है. इसलिए मैं राजस्थान छोड़कर सुरक्षित जगह जाना चाहती हूं. इधर, मामला सामने आने के बाद बाल आयोग ने पूरे मामले को लेकर सख्त ऐतराज जताय़ा है. आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि मामले को लेकर पुलिस के अधिकारियों से इस बारे में बात कर ली गई है. साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच बाल आयोग में भेजने के निर्देश दिए गए हैं.