कोटा: भारतीय किसान संघ ने 91 हजार से अधिक किसानों को मुआवजा राशि से वंचित करने पर आलोचना की है। प्रान्त प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि बाढ़ और अतिवृष्टि से किसान बर्बाद हो गए। लाखों किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया। सरकार के कर्मचारियों ने सर्वे में ही कईं किसानों को मुआवजे से वंचित कर दिया। सर्वे में खराबा कम बताने के बाद भी जो किसान मुआवजे के लिए पात्र पाए गए। उनमें से भी 91 हजार किसानों का मुआवजा कागजी खानापूर्ति के नाम पर रोक देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
किसान हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार की ओर से विधानसभा में यह स्वीकार किया गया है। भारतीय किसान संघ ने वंचित सभी किसानों को फसल खराबे की मुआवजा राशि जारी करने की मांग के साथ आन्दोलन की चेतावनी दी है। आशीष मेहता ने बतायाा कि हाड़ौती में ही लाखों का नुकसान किसानों को हुआ। ओलावृष्टि और बाढ़ के चलते किसानों की फसले पूरी तरह खराब हो गई। एक समय यह स्थिति थी कि परेशान होकर किसानों ने आत्महत्या की। किसान संघ ने आंदोलन चलाया तो मुआवजे की बात कही गई। सर्वे किया गया लेकिन सर्वे होने के बाद भी अब किसानों को उनका हक नही मिल रहा है। पिछले दो साल में किसान बर्बाद हुए हैं। उनके कर्जे तक नही उतर रहे हैं। नई फसल करने से पहले हजार बार सोचना पड़ता है। ऐसे में खानापूर्ति के नाम पर उनकी मुआवजा राशि रोकना सही नही है। अगर किसानों के साथ यही रवैया रहा तो सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पडे़गा।