राजस्थान

छोटी सी चिंगारी हॉस्टल में लगा देगी आग, आग से सुरक्षा के लिए फायर सिस्टम नही

Admin Delhi 1
16 Jun 2023 1:00 PM GMT
छोटी सी चिंगारी हॉस्टल में लगा देगी आग, आग से सुरक्षा के लिए फायर सिस्टम नही
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कोटा: दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित कोचिंग सेंटर में गुरुवार को लगी भीषण आग से कई विद्यार्थिों का जीवन संकट में पड़ गया। उसी तरह की घटना कोटा के कोचिंग संस्थान व हॉस्टलों में कभी भी हो सकती है। फायर अनुभाग द्वारा नोटिस देने के बाद भी यहां अधिकतर हॉस्टल व कोचिंग संस्थानों में फायर सिस्टम तक नहीं लगाए जा रहे हैं। मुखर्जी नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में अचानक आग लग गई। जिससे उस सेंटर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों व स्टाफ का जीवन खतरे में पड़ गया। सूचना पर मौके पर पहुंची दमकलों की सहायता से आग बुझाने का काम तो किया ही गया। साथ ही सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालना भी उनकी प्राथमिकता रही। ऐसे में तीन मंजिला सेंटर से बच्चों को रस्सी की सहायता से बाहर निकाला गया। दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में यह घटना हुई है। जबकि कोटा शिक्षा की छोटी काशी है। यहां बड़ी-बड़ी कई कोचिंग संस्थान हैं। बहुमंजिला कोचिंग संस्थानों में करीब 2 लाख बच्चे देशभर से आकर यहां मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। ये बच्चे अधिकतर हॉस्टलों में रह रहे हैं। शहर के हर कोचिंग एरिया में बहुमंजिला हॉस्टल बने हुए हैं। हालत यह है कि लाखों-करोड़ों रुपए की इमारतें बनाने के बाद भी उनमें आग से सुरक्षा के लिए फायर सिस्टम तक लगाए हुए नहीं है। जिससे कोटा में कभी भी इस तरह की घटना हो सकती है। जिससे हजारों बच्चों का जीवन संकट में पड़ सकता है।

प्रवेश-निकास की अलग सुविधा नहीं: कोटा के अधिकतर कोचिंग संस्थान व हॉस्टलों में प्रवेश व निकास के लिए एक ही सीढ़ियां हैं। बहुमंजिला इमारतें होने से उनमें लिफ्ट तो लगी हुई है। लेकिन आग लगने की घटना होने पर लाटि बंद करने से लिफ्ट बंद हो जाती है। ऐसे में एक ही सीढ़ी से सभी का बाहर निकलना संभव नहीं होता है। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण के फायर अनुभाग की ओर से समय-समय पर हॉस्टल व कोचिंग संस्थानों की जाच की जाती है। वर्तमान में भी कोटा दक्षिण निगम के फायर टीम द्वारा इलेक्ट्रोनिक्स कॉम्पलेक्स में हॉस्टलों की जांच की जा रही है। जिनमें से अधिकतर में कमियां पाई गई है। जिस पर सीएफओ ने नोटिस जारी किए हैं। उसके बाद भी अधिकतर संस्थानों व हॉस्टलों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।

कोचिंग व हॉस्टल संचालकों की जिम्मेदारी

नगर निगम कोटा दक्षिण के सीएफओ राकेश व्यास का कहना है कि कोटा शिक्षा नगरी होने से यहां हर क्षेत्र में कोचिंग व हॉस्टल हैं। अधिकतर में तो प्रवेश व निकास का एक ही रास्ता है। कोचिंग संस्थान व हॉस्टल संचालकों को अपने यहां इमरजेंसी सीढ़ियां लगानी चाहिए। सुरक्षा जाल की व्यवस्था रखनी चाहिए और रॉप लेडर भी सभी के यहां होने चाहिए। जिससे कभी भी कोई घटना होने पर इनकी सहाता से बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

बच्चों की पीड़ा

लैंड मार्क सिटी स्थित हॉस्टल में रहने वाले बिहार निवासी छात्र रोनित का कहना है कि हॉस्टल व कोचिंग संस्थान में भारी फीस दे रहे हैं। ऐसे में आग या किसी भी आपदा से निपटने के लिए सुरक्षा के इंतजाम रखना सचालकों की जिम्मेदारी है। यदि रात के समय या सुबह जल्दी आग लगने की घटना हो जाती है तो उनके लिए खतरा अधिक है। जवाहर नगर स्थित हॉस्टल में रहने वाले उत्तर प्रदेश निवासी छात्र आनंद नायक का कहना है कि दिल्ली जैसी आग लगने की घटना कहीं भी हो सकती है। कोटा में तो हॉस्टल कोचिंग भी पास-पास हैं। बच्चों की संख्या भी अधिक है। यदि ऐसी कोई घटना यहां होती है तो उनके लिए खतरा अधिक है। हॉस्टल में तो आने-जाने का एक ही रास्ता है। इमरजेंसी सीढ़ियां तक नहीं है।

संचालकों का दावा कोई खतरा नहीं

इधर लैंडमार्क सिटी स्थित हॉस्टल संचालक राकेश जांगिड़ का कहना है कि हॉस्टल में बच्चों को कोई खतरा नहीं है। आग से बचाव के लिए उनके यहां फायर उपकरण रखे हुए हैं। साथ ही छत की तरफ से बाहर निकलने का रास्ता भी है। जवाहर नगर स्थित हॉस्टल संचालक देवेन्द्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने तो हॉस्टल लीज पर लिया है। फायर सिस्टल लगाने की जिम्मेदारी मालिक की है। साथ ही प्रशासन को भी हॉस्टल बनते समय सुरक्षा मापदंड देखने चाहिए। वैसे बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

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