हर जिला अस्पताल में बुजुर्गों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया
जयपुर: राजस्थान हेल्थ के सेक्टर में एक और माइल स्टोन रचने जा रहा है। राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जिसमें हर जिला अस्पताल में बुजुर्गों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। अब वृद्वजनों की सेवा-सुश्रुषा एवं उपचार और बेहतर हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में संवेदनशील पहल कर सभी जिला अस्पतालों में वृद्धावस्था विशेषज्ञ इकाई (जीरियाट्रिक वार्ड एवं जिरिएट्रिक क्लिनिक) बनाए हैं। इन्हें ‘रामाश्रय‘ के नाम से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राजकीय अस्पतालों में आने वाले वृद्वजनों को सुगमतापूर्वक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए जिरिएट्रिक वार्ड की स्थापना के निर्देश दिए थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेंद्र सिंह ने इस मानवीय पहल को 100 दिवसीय कार्य योजना में शामिल करवाया। चिकित्सा मंत्री के निर्देशों पर 100 दिवसीय कार्य योजना में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 49 जिला चिकित्सालयों में यह सुविधा प्रारम्भ कर दी है।
मात्र 100 दिन में बनाए ‘रामाश्रय’: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से प्रदेश के सभी राजकीय जिला अस्पतालों में जिरिएट्रिक वार्ड शुरू करने का निर्णय लिया गया। 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत इस पहल को प्राथमिकता दी गई और अल्प समय में ही 49 जिला अस्पतालों में ‘रामाश्रय’ तैयार कर क्रियाशील कर दिए गए हैं।