राजस्थान

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में दिखेगी बदलाव की तस्वीर, मरीजों को होगा फायदा

Bhumika Sahu
27 May 2023 2:51 PM GMT
मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में दिखेगी बदलाव की तस्वीर, मरीजों को होगा फायदा
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कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में अब बदलाव की तस्वीर देखने को मिलेगी
कोटा। कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में अब बदलाव की तस्वीर देखने को मिलेगी। धीरे-धीरे व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है। अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। इमरजेंसी ओटी गेट अब सेेंसर से लैस होंगे। हर डे के हिसाब से पलंगों पर बेडशीड बदली जाएगी। रोजाना बेडशीट धोने के लिए लॉन्ड्री मशीनें आ चुकी है। सालों से जंग खा चुके गेट, पलंगों, आलमारिया की रंगाई-पुताई होगी। अस्पताल के इमरजेंसी 2 व 4 नम्बर गेटों पर वाहनों का जाम नहीं लगेगा। इन दोनों मार्ग पर खड़े होने वाले को अन्य जगहों पर खड़ा करवाकर इन दोनों गेटों पर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए। इससे एम्बुलेंस व मरीज को इन दोनों गेटों पर आसानी से पहुंच सकेंगे।
नए अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी मीणा ने बताया कि पहले इमरजेंसी ओटी के एलुमिनियम के गेट होते थे। इनको मोड्यूलर ओटी का रूप दिया जाएगा। इनके गेट सेंसर से लैस होंगे। यह ओटोमेटिक खुलेंगे। इसमें आर्थोपेडिक, सर्जरी व गायनिक की दो-दो ओटी के गेट बदले जाएंगे। यह एंटी बैक्टिरिया मुक्त रहेंगे। दिल्ली की एक फर्म को इसके काम के लिए 30 लाख का टेंडर दिया है और काम भी शुरू हो चुका है। नए अस्पताल में 32 लाख की लागत से दो लॉन्ड्री मशीनें खरीदी गई। यह 100-100 केजी की दो मशीनें है। इससे कम समय में आसानी से बेडशील धूल सकेगी। अस्पताल में 2008 में एक 30 केजी क्षमता की एक लॉड्री मशीन थी, लेकिन वह कंडम हो चुकी थी। दिल्ली की एक फर्म से अब दो नई लॉन्ड्री मशीनें खरीदी है। यह 8 से 12 घंटे काम करेगी।
अस्पताल में अब इंडोर मरीजों के लिए बेडशीट नहीं मिलने व साफ नहीं होने की शिकायत की झंझट से मुक्ति मिल गई। अब अस्पताल में सातों दिन बेड पर अलग-अलग बेडशीट बिछी हुई दिखाई देगी। अस्पताल को अक्सर यह शिकायत मिलती थी कि रोजाना बेडशीट नहीं बदली जाती है। ऐसे में डे के हिसाब से यहां सफेद, नीली, पिंक, डार्क ब्लू, ग्रीन, बादामी, आसमानी रंग की बेडशीट बिछाई जाएगी। इससे यह पता चल सकेगा कि डे के हिसाब से बेडशीट बदली गई या नहीं।
अस्पताल में जंग लग चुके गेट, पलंग व आलमारियां भी चकाचक दिखाई देगी। कोरोना के समय हाइपोक्लोराइड का छिड़काव होने के कारण गेट, पलंग व आलमारियां में जंग लग चुका है। कई सालों से इनकी रंगाई-पुताई भी नहीं हुई थी। इस कारण इन पर भी रंगाई-पुताई करवाई जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने 10 लाख का टेंडर दिया है। अगले सप्ताह तक इसका काम शुरू हो जाएगा। नए अस्पताल में रोटरी क्लब के सहयोग से लैब व जांच तक मरीजों को जाने के लिए लाल व पीली लाइनें खींची गई है। लाल लाइन से मरीज लैब तक पहुंच सकता है। जबकि पीली लाइन से एक्सरे, एमआरआई, सोनोग्राफी मशीनों की जांच तक पहुंच सकता है। इसके लिए मरीजों को भटकने व किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन लाइनों के सहारे मरीज व तीमारदार सीधे लैब व जांच केन्द्र तक आसानी से पहुंच सकता है।
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