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आरएएस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पहुंचे सीएम गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान आरएएस की चुटकी ली
जयपुर. आरएएस ट्रेनिंग प्रोग्राम (RAS Training Program) में पहुंचे सीएम गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान आरएएस की चुटकी ली. गहलोत ने कहा आप लोगों ने मेरे खिलाफ ट्वीटर पर मोर्चा खोला लेकिन इससे मैं नाराज नहीं क्योंकि ये कोई गलत बात नहीं हैं. सरकार के सामने अपनी मांग रखने में कुछ गलत नहीं है. सीएम गहलोत ने बेरोजगार संघ को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि जो काम हो नहीं सकता उसके लिए भी आंदोलन कर रहे हैं लेकिन यह ठीक नहीं है.
राजस्थान राज्य सेवाओं के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot RAS Training Program in jaipur) भी शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने चटकी लेते हुए कहा कि ट्विटर पर मेरे ख़िलाफ़ खूब अभियान चलाया आपने. नियुक्तियां देने की मांग रखी, लेकिन हमने इसे अन्यथा नहीं लिया. लोकतंत्र में ऐसा होना चाहिए. कोई भी अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखे तो हमे अन्यथा नहीं लेना चाहिए. गहलोत ने कहा कि बहुत बड़ी जिम्मेदारी आप पर आने जा रही है. हमारा प्रयास है कि नियुक्ति के लिए कैम्पेन नही चलाना पड़े. अधिकारियों को इसके लिए कहा गया है. इसमें देरी होती है तो अभ्यर्थी, परिवार, समाज को दुख होता है.
गहलोत ने ट्रेनिंग ले रहे आरएएस को (CM gehlot addersed RAS in jaipur) कहा कि ये सब चीजें आपके काम आएंगी. सभी वर्गों को आपको साथ लेकर चलना होगा. इससे आपकी खुद की क्रेडिबिलिटी डेवलप होगी. ईमानदार रहेंगे तो पब्लिक आपका साथ देगी. मैं तीन बार केंद्रीय मंत्री बना ऐसे मंत्रालय मिले जिनकी मुझे जानकारी नहीं थी लेकिन जब यह मैसेज हो जाता है कि अधिकारी ईमानदार है तो अपने आप सब हो जाता है.कुछ लोग बेरोजगार संघ बना गैरवाजिब मांग कर रहे हैं
गहलोत ने कहा कि हमने 1 लाख नियक्तियां दी हैं और 1 लाख को नौकरियों देने जा रहे हैं. इसके बावजूद धरना-प्रदर्शन होते हैं. लोकतंत्र पर अपनी बात रखने का सबको अधिकार है जो धरने प्रदर्शन हो रहे हैं . इनमें से कुछ जायज भी है तो जायज मांग है . उसके लिए सरकार तक और अधिकारियों तक बात पहुंचाने की चाहिए , लेकिन कई बार गैरवाजिब मांगो के लिए होता है तो उचित नहीं है .
सीएम गहलोत ने बेरोजगार संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बेरोजगार संघ मना लेते हैं और मांग करते हैं कि रीट के पद 30 हजार से 50 हजार किया जाए . सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं उसके अनुरूप ही सरकार ने 30000 पदों की भर्ती निकाली है . उसके ऊपर नहीं जा सकते ऐसी गैरवाजिब मांग नही करनी चाहिए.
UPSC की तरह हो परीक्षा
सीएम गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि UPSC की तरह समय पर परीक्षा हो, समय पर परिणाम आए. प्रदेश में नकल गैंग्स बन गई हैं जिससे व्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है. इस तरह की गतिविधियां बढ़ने से अभ्यर्थियों में कॉन्फिडेंस भी खत्म होता जाता है. ये सब चीजें खत्म करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि पारदर्शिता के साथ समय पर भर्तियां हों यह सरकार की मंशा है और उसी के अनुरूप कार्य किए जा रहे हैं. इसको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश पर अधिकारियों को दिए गए हैं.
धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है
गहलोत ने कहा अब देश का माहौल बदल गया और सामाजिक मूल्यों में गिरावट आ गई. राजनीति हो या प्रशासन या फिर अन्य कोई फील्ड हो सभी जगह हालात बदल गए हैं जो कि चिंता का विषय है. कई बड़ी-बड़ी संस्थाएं पंडित नेहरू की देन हैं. सभी प्रतिष्ठित संस्थाएं देश में हैं. इसलिए हम साइंस के क्षेत्र में प्रगति कर पाए. पाकिस्तान-हिंदुस्तान साथ आजाद हुए थे. लेकिन हिंदुस्तान आत्मनिर्भर बन गया. वहीं पाकिस्तान धर्म के नाम पर राजनीति करता रहा. वहां बार-बार सैनिक शासन जैसी स्थिति बनती है. 70 साल में जातिवाद खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.गहलोत ने कहा कि योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचनी चाहिए. चिरंजीवी योजना के बारे में अभी तक कई लोगों नहीं पता है. गहलोत ने कहा कि अधिकारी अपनी प्रशासनिक क्षमता का उपयोग करें . दुर्भाग्य से ट्रेनिंग के वक्त UPSC से निकले लोग पैसा कमाने को तरजीह देने लग जाते हैं. जिंदगी में पैसा ही सब कुछ नहीं है कोरोना ने यह समझा दिया. बड़े-बड़े पैसे वालों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल सके थे.
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