पुराने पशु मेला स्थल पर सीवरेज के पाइप व टापरियों का लगा जमावड़ा
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कोटा न्यूज़: नगर विकास न्यास द्वारा एक तरफ तो अतिक्रमण हटाकर सड़क को चौड़ा करने का काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम की जमीनों पर अतिक्रमण किए जा रहे हैं। यह स्थिति है निगम कार्यालय के पास पुराने पशु मेला स्थल की। पुलिस कंट्रोल रूम के पास नगर निगम की भूमि है। जिस पर पूर्व में पशु मेला लगता था। पुराने पशु मेला स्थल के नाम से पहचानी जाने वाले इस मैदान को दशहरा मेला शुरू होने से पहले खाली करवाकर अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। उस समय भी यहां बड़ी संख्या में सीवरेज के पाइप लाकर डाले गए थे। साथ ही वाहनों का जमघट लगा रहता था। अघोषित प से बकरा मंडी लगने लगी थी और खाना बदोश लोेगों ने टापरियां डालकर अतिक्रमण किया हुआ था। मेला शुरू होने से पहले निगम अधिकािरयों ने बड़ी मशक्कत व विरोध के बाद इस मैदान से अतिक्रमण हटाकर मैदान को अतिक्रमण से मुक्त कराया था।
इधर मैदान के बाहर सड़ककिनारे टापरियां: इधर पशु मेला स्थल के भीतर ही नहीं दशहरा मैदान के बाहर भी खाना बदोश लोगों ने फिर से अतिक्रमण कर लिया है। मैदान के चारों तरफ सीएडीे चौराहे से अम्बेडकर भवन के सामने होते हुए किशोरपुरा साजी देहड़ा पुलिया से आशापुरा माताजी मंदिर के पास से शक्ति नगर होते हुए पूरे मैदान के चारों तरफ फिर से टापरियां व थड़ियां लग चुकी हैं। पुलिया के पास तो गर्म कपड़े बेचने वालों ने भी अतिक्रमण कर रखा है। जिससे मैदान की एक बार फिर से दुर्दशा हो गई है। वहीं न्यास कार्यालय के सामने से पुलिस कंट्रोल रूम के पास तक पशु मेला स्थल के बाहर स्लिप लेन पर भी फिर से अतिक्रमण हो गया है।
निगम ने नहीं किए वाहन खड़े: नगर निगम के पास गैराज में पर्याप्त जगह नहीं होने के बाद भी निगम अधिकािरयों ने पुराने पशु मेला स्थल पर अपने वाहन तक खड़े नहीं किए। जिससे उन्हें देखकर अन्य लोग यहां अतिक्रमण नहीं कर लें। निगम अधिकारी तो सोच भी नहीं सकते कि उनकी जगह पर फिर से कब्जा हो गया है। जबकि निगम के टिपर समेत अन्य वाहन इधर-उधर ही खड़े हो रहे हैं।
मॉनिटरिंग नहीं तो फिर हुए कब्जे: मेला समाप्त हुए करीब एक महीने से अधिक का समय हो गया है। लेकिन मेला खत्म होने के बाद निगम अधिकािरयों ने दशहरा मैदान की तरफ जाकर देखा तक नहीं। अतिक्रमण से मुक्त हुए खाली मैदान पर फिर से अतिक्रमण नहीं हो इसकी मॉनिटरिंग भी किसी ने नहीं की। उसी का परिणाम है कि एक बार फिर से पुराना पशु मेला स्थल अतिक्रमण की जद में आ गया है। पूरे मैदान पर फिर से अतिक्रमियों व सीवरेज वालों ने कब्जा जमा लिया है। जिसकी भनक तक निगम अधिकारियों को नहीं है। टापरियां लगाकर अतिक्रमण करने वालों ने पूरा घर बसा रखा है।
ठेकेदार न किराया दे रहे न जानकारी: शहर में सीवरेज का काम करने वाले ठेकेदार पशु मेला स्थल को खाली देखकर वहां अपने पाइप लाकर डाल रहे हैं। ट्रकों से पाइप लाकर वहां खलाी किए जा रहे हैं। जिसे मैदान की दशा खराब हो रही है। सूत्रों के अनुसार संवेदक द्वारा ऐसा करने से पहले एक तो निगम अधिकारियों से इसकीे अनुमति लेनी चाहिए। साथ ही इसका नियमानुसार किराया भी निगम में जमा कराया जाना चाहिए। लेकिन हालत यह है कि ठेकेदार द्वारा किराया देना तो दूर निगम अधिकािरयों को वहां पाइप डालने की जानकारी तक नहीं दी गई। बिना अनुमति के ही अपनी मर्जी से बड़े-बड़े पाइप लाकर डाल दिए। जबकि मेले से पहले भी डाले गए इन पाइपों से मैदान में लगाए गए पौधे नष्ट हो गए थे।
इनका कहना है: दशहरा मेले से पहले अधिकारियों से कहकर पशु मेला स्थल व उसके आस-पास के अतिक्रमण को हटवाया गया था। उस जगह का सही उपयोग नहीं होने से खाली जगह देखकर फिर से कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया होगा। इस बारे में आयुक्त व अधिकािरयों को अवगत करवाएंगे। जिससे वहां से अतिक्रमण हटाया जा सके।
- राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण