अजमेर: अजमेर इंडोर स्टेडियम परिसर में स्थित तंदूर रेस्टोरेंट को जमीदोंज करने के मामले में एक दिन पहले पूर्व जिला कलक्टर सहित निगम आयुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के अदालती आदेश के बाद गुरुवार को निगम ने इंडोर स्टेडियम कमेटी के पूर्व सचिव पर गबन का नामजद मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि इंडोर स्टेडियम कमेटी भी पूर्व में भंग की जा चुकी है। शुक्रवार शाम नगर निगम ने इंडोर स्टेडियम समिति के तत्कालीन सचिव धनराज चौधरी के खिलाफ सदर कोतवाली थाने में गबन का मुकदमा दर्ज करवाया।
समिति भंग होने के बावजूद रकम निकाली जिला कलक्टर ने समिति अध्यक्ष की हैसियत से 10 मार्च को समिति भंग कर बैंक खाते की राशि नगर निगम को ट्रांसफर कर निकासी पर रोक लगा दी थी। लेकिन उसके बावजूद धनराज चौधरी ने बदनीयतीपूर्वक खाते से राशि निकाल ली। खाते से निकाले 2.85 लाख रिपोर्ट में बताया कि तत्कालीन सचिव चौधरी ने 28 फरवरी को डेढ़ लाख, 18 जनवरी को 20 हजार, 16 जनवरी को 12 हजार, 7 जनवरी को 30 हजार, 2 जनवरी को 42 हजार, 23 दिसम्बर 2022 को 31 हजार की रकम की निकासी की। इसके पूर्व में चौधरी ने बड़ी मात्रा में राशि की निकासी की जिसकी विस्तृत जांच होनी आवश्यक है। राशि निकासी की निगम द्वारा जिला कलक्टर को सूचना देने पर जिला कलक्टर ने समिति के बैंक खाते, पासबुक के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे जिसकी पालना किसी स्तर पर नहीं की गई। नगर निगम की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट पर कोतवाली थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार नगर निगम उपायुक्त सीता वर्मा ने इंडोर स्टेडियम के तत्कालीन सचिव धनराज चौधरी के खिलाफ सरकारी राशि के गबन का मुकदमा दर्ज करवाया। वर्मा ने रिपोर्ट में बताया कि इंडोर स्टेडियम से संबंधित मामले में न्यायालय सम्पदा अधिकारी के 23 दिसम्बर 2022 के निर्णय में इण्डोर स्टेडियम समिति को निगम की सम्पत्ति पर अनाधिकृत उपभोगकर्ता घोषित किया था। जिसके बाद समिति अध्यक्ष व तत्कालीन जिला कलक्टर ने 23 दिसम्बर को समिति सचिव को स्टेडियम की चल-अचल संपत्ति नगर निगम को संभलाने के आदेश दिए थे। इसके बाद नगर निगम की ओर से भू-भाग समेत समस्त चल-अचल सम्पत्ति का कब्जा लिया गया।