राजस्थान

85 फीसदी रेजिडेंट्स ने खत्म की हड़ताल, रेजिडेंट्स डाॅक्टर आज से करेंगे संपूर्ण कार्य बहिष्कार

Renuka Sahu
13 Oct 2022 3:48 AM GMT
85 percent of the residents end the strike, the resident doctors will boycott the entire work from today
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न्यूज़ क्रेडिट : aapkarajasthan.com

राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि सरकार के साथ समझौता वार्ता में सहमति बनने पर 85 प्रतिशत से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बुधवार को हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि सरकार के साथ समझौता वार्ता में सहमति बनने पर 85 प्रतिशत से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बुधवार को हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है। हालांकि रेसिडेंट्स का एक धड़ा अभी भी हड़ताल पर है। जिसने आज से सम्पूर्ण सेवाएं बंद करने की घोषणा की है। इस धड़े के रेजिडेंट्स डाॅक्टर इमरजेंसी, आईसीयू, ट्रोमा सेंटर और लेबर रूम के कार्य बहिष्कार करेंगे।

रेजिडेंट डॉक्टर्स के चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत सर्विस बॉन्ड को प्रवेश बैच 2020-21 और 2021-22 के लिए एक बार की शिथिलता प्रदान करते हुए बॉन्ड राशि 10 लाख रुपए करने और पहले की तरह समय अवधि 2 वर्ष करने पर सहमति हुई है। इसी तरह पीजी/ सुपर स्पेशलिटी कोर्स के बाद बॉन्ड की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार की संविदा सेवाओं के संबंध में उच्च न्यायालय में लंबित विभिन्न याचिकाओं के निर्णय के बाद विचार किए जाने पर सहमति हुई।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद 7 से 10 कार्य दिवस के भीतर प्रवेश बैच 2020-21 और 2021-22 के लिए रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्षों से चर्चा और सहमति के बाद ही एसआरशिप के चयन की प्रणाली निर्धारित की जाएगी। जिसमें सभी रेजीडेंट डॉक्टर्स को एसआरशिप के समान अवसर मिलें, ये सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 में कान्फ्रेंस नहीं होने के कारण बैच 2020 के लिए पेपर/पोस्टर और थिसिस में शिथिलता के लिए संबंधित कॉलेजों के प्रधानाचार्य स्तर पर प्रस्ताव एनएमसी/आरयूएचएस को भिजवाया जाएगा।
इसी क्रम में रेजिडेंट डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के दौरान उठाए गए अन्य सभी बिंदुओं पर राज्य सरकार की ओर से सहानुभूतिपूर्वक विचार किए जाने का फैसला भी लिया गया। साथ ही इनसर्विस डॉक्टर के बॉन्ड की समय सीमा और राशि में शिथिलता के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सहानुभूतिपूर्वक विचार किए जाने का प्रस्ताव भेजने का फैसला भी लिया गया। हालांकि रेसिडेंट्स का एक धड़ा अभी भी सहमत नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने आज से इमरजेंसी सेवाएं बंद करने की घोषणा की है।
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