राजस्थान

कॉलेजों में 60 प्रतिशत कोर्स अधूरा फिर भी विद्या संबल शिक्षकों को हटाने की

Admin Delhi 1
13 March 2023 2:30 PM GMT
कॉलेजों में 60 प्रतिशत कोर्स अधूरा फिर भी विद्या संबल शिक्षकों को हटाने की
x

कोटा: हाड़ौती के राजकीय महाविद्यालयों में पीजी समेस्टर की परीक्षाएं सिर पर हैं और अभी तक 40 प्रतिशत कोर्स ही पूरा हुआ है। जबकि, 60 प्रतिशत सिलेबस अधूरा है। इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन विद्या संबल योजना के तहत लगे सहायक आचार्यों को पद से हटाने की कोशिश कर रहा है। जबकि, शिक्षा आयुक्तालय के सिलेबस पूरा न होने तक अस्थाई शिक्षकों को नहीं हटाए जाने के आदेश है। इसके बावजूद बारां राजकीय महाविद्यालय के प्रचार्य ने अपने अधीनस्त कॉलेजों में कार्यरत विद्या संबल शिक्षकों को हटाने के मौखिक आदेश दे दिए। हालांकि, विद्यार्थियों के विरोध के चलते आदेश वापस लेने पड़े।

60 प्रतिशत कोर्स अधूरा: कोटा यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी राजकीय महाविद्यालयों में पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं 15 मार्च से शुरू हो रहीं हैं, लेकिन अभी तक 60 प्रतिशत सिलेबस अधूरा है। नवम्बर में पीजी प्रिवियस के एडमिशन प्रक्रिया शुरू हुई थी जो पूरे माह तक जारी रही। आधा दिसम्बर भी छुटिटयों में बीत गया। 15 दिसम्बर के बाद से ही कक्षाएं लगना शुरू हुई। ऐसे में विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए ढाई से तीन माह का ही समय मिल पाया। इसलिए अभी तक 40 प्रतिशत कोर्स ही पूरा हो सका है।

आयुक्तालय के आदेशों की अवहेलना:

बारां राजकीय महाविद्यालय में कार्यरत विद्या संबल शिक्षक डॉ. भूपेंद्र कुमार जांगिड़ ने बताया कि शुक्रवार को कार्यवाहक प्राचार्य कृष्ण कुमार मीणा ने विद्या संबल शिक्षकों को हटाने के मौखिक आदेश दिए थे। जबकि, उस समय सभी शिक्षक विद्यार्थियों को क्लास में पढ़ा रहे थे। उन्होंने बताया कि बीच सत्र में शिक्षकों को हटाना उच्च शिक्षा आयुक्तालय के आदेशों की अवहेलना है। 31 मार्च 2023 को आयुक्तालय ने सभी कॉलेजों के प्राचार्य व नोडल अधिकारियों को आदेश जारी किए थे कि विद्या संबल योजना के अंतर्गत लगे सहायक आचार्यों को विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम पूर्ण होने या वार्षिक परीक्षा से पूर्व अवकाश प्रारंभ होने से पहले तक उनसे अध्यापन कार्य जारी रखवाएं। इसके बावजूद प्राचार्य ने मौखिक आदेश देकर शिक्षकों को हटाने की कोशिश की।

बारां कॉलेज के अधीन हैं 7 कॉलेज:

विद्या संबल सहायक आचार्य डॉ. रवि कुमार नागर ने बताया कि गवर्नमेंट कॉलेज बारां के अधीन जिले के 7 नए कॉलेज आते हैं। जिनमें राजकीय केलवाड़ा कॉलेज, मांगरोल, अंता, छबड़ा, अटरू, नाहरगढ़ व छिपाबड़ौद शामिल हैं। इन महाविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था विद्या संभल योजना के तहत लगे सहायक आचार्यों के भरोसे हैं। कार्यवाहक प्राचार्य केएम मीणा ने बारां गवर्नमेंट बॉयज कॉलेज, केलवाड़ा व छबड़ा गर्ल्स तथा राजकीय बालिका महाविद्यालय बारां में मौखिक आदेश जारी कर कार्यरत विद्या संबल के अस्थाई शिक्षकों को हटाने का प्रयास किया।

3 दिन बाद परीक्षा, प्रेक्टिकल नहीं हुए पूरे

संभाग के सभी राजकीय महाविद्यालयों में पीजी के विभिन्न संकायों के सेमेस्टर एग्जाम होने में मात्र तीन दिन शेष हैं। लेकिन अब तक प्रेक्टिकल पूरे नहीं हुए हैं। अभी महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को प्रेक्टिकल करवाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने इस बार आर्ट्स व कॉमर्स में पीजी प्रिवियस में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया है। जिसके तहत दोनों संकायों के भी पहले सेमेस्टर के एग्जाम मार्च में होंगे। जबकि, प्रिवियस में एडमिशन ही नवम्बर में हुए हैं और दिसम्बर का आधा महीना शीतकालीन अवकाश व अन्य सरकारी छुट्टियों में बीत गया। ऐसे में विद्यार्थियों को तैयारी के लिए ढाई माह का समय ही मिल पाया।

विद्यार्थियों के हंगामे के बाद वापस लेने पड़े आदेश

विद्या संबल शिक्षकों को हटाने जाने की सूचना मिलते ही विद्यार्थियों ने हंगामा कर दिया। विद्यार्थियों का कहना था कि पीजी सेमेस्टर की परीक्षाएं सिर पर हैं लेकिन अभी तक सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ। ऐसे में जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं, उन्हें भी हटाया जा रहा है। जबकि, अभी कोर्स अधूरा पड़ा है। 15 मार्च से पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू हो रहीं है लेकिन अभी तक विभिन्न संकायों के प्रेक्टिल भी पूरे नहीं हुए। विद्यार्थियों के आक्रोश के चलते प्राचार्य को मौखिक आदेश वापस लेने पड़े।

32 कॉलेजों में 441 शिक्षकों के पद खाली

हाड़ौती के 32 राजकीय महाविद्यालयों में कुल 848 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। जिसके मुकाबले 441 शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। जबकि, 407 शिक्षक ही कार्यरत हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो सभी कॉलेजों में स्वीकृत पदों की संख्या के मुकाबले आधे से ज्यादा पद खाली हैं। जिससे विद्यार्थियों का सिलेबस परीक्षा तक पूरा नहीं हो पाता। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने और विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने 2021 में विद्या संबल योजना की शुरुआत की थी। ताकि, विद्यार्थियों को समय पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

बारां के राजकीय महाविद्यालयों से विद्या संबल पर लगे सहायक आचार्यों को हटाने की शिकायत मिली थी। अस्थाई शिक्षकों ने इस संबंध में शुक्रवार को कोटा आकर ज्ञापन दिया था। जिसे उच्च शिक्षा आयुक्तालय जयपुर भेज दिया है। वैसे सभी कॉलेजों के प्राचार्यो को आयुक्तालय से प्रस्तारित आदेश व दिशा-निर्देश की पालना करनी चाहिए। यदि, बजट संबंधि कोई परेशानी है तो आयुक्तालय से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

- डॉ. रघुराज सिंह परिहार, सहायक निदेशक उच्च शिक्षा आयुक्तालय कोटा

विद्या संबल योजना के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों को हटाया नहीं है। उन्हें मानदेय देने के लिए बजट 28 फरवरी तक का ही था। इस संबंध में विद्या संबल योजना प्रभारी जयपुर से भी बात हुई थी। मार्च माह का मानदेय देने के लिए कॉलेज के पास बजट नहीं है। यही जानकारी शिक्षकों को दी थी लेकिन उन्होंने इसका गलत मतलब निकाल लिया। हालांकि, हमने यह भी कहा था कि यूजी की परीक्षा होने तक पढ़ाते रहो, जैसे ही बजट आएगा तो मानदेय दे दिया जाएगा।

- कृष्ण कुमार मीणा, कार्यवाहक प्राचार्य राजकीय बारां महाविद्यालय

Next Story